|| आज बहू आयेगी घर में | AAJ BAHU AAYEGI GHAR MEIN ||
आज बहू आयेगी घर में
आज बहू आयेगी घर में घर की शोभा न्यारी है,
सासू माँ बनने की मुझपे आई जिम्मेदारी है ।
जाने कब से रही प्रतीक्षा आज समय वो आया है,
बहू बेटे के पड़छन करने का दिन भगवन लाया है ।
मुँह दिखलाई में देने को कंगन सुन्दर भारी है,
आज बहू आयेगी घर में घर की शोभा न्यारी है,
देव पूजा करके हम सीधे देवी मन्दिर जायेंगे,
दुर्गा अष्ट भवानी माँ को हर सिंगार चढ़ायेंगे ।
माँ के आशीर्वाद से आया दिन शुभ हम आभारी हैं,
आज बहू आयेगी घर में घर की शोभा न्यारी है ।
कंगन खोलेंगे दोनों फिर दही अंगूठी खेलेंगे,
बीच बीच में एक साथ दोनों अंगूठी ले लेंगे ।
ढोल ढमाके शहनाई से गुंजित घर फुलवारी है,
आज बहू आयेगी घर में घर की शोभा न्यारी है ।
खिचड़ी मैं तैयार करूँगी हाथ भले लगवा लूँगी,
जल्दी से सब निपटा सुलझा घन्टे भर को सुला दूँगी ।
मैके से बिछुड़ जाने का दुख भी होता भारी है,
आज बहू आयेगी घर में घर की शोभा न्यारी है ।
नेह उसे दूँगी मैं इतना याद नहीं आने दूँगी,
बेटी जैसे यहाँ रहेगी पहनने व खाने दूँगी ।
मेरे बाद उसे ही रखना मेरे वंश को जारी है,
आज बहू आयेगी घर में घर की शोभा न्यारी है ।
लेखिका
श्रीमती प्रभा पांडेय जी
” पुरनम “
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