|| आपने क्या कमाया ||
नमस्कार मित्रों,
………और फिर धीरे धीरे आप उन तमाम लोगों को खोने लगते हैं जिनको आपने कमाया होता है।
ये लोगों की कमाई पैसों से कहीं बढ़ कर होती है।
जीवन में बहोत लोग आते हैं और जाते हैं।
जो रुके रहते हैं वो होते हैं आपकी कमाई।
कमाई जिसे आप चाहे जितना खर्च कर लें, गरीब नही होते।
जीवन में कमाई वो जिनके लिए आपकी एक फोन कॉल उनकी नींद से ज्यादा कीमती हो जाती है।
कमाई वो जब आपको जी भर के रोना हो और वो आपको सीने में छुपा ले।
बिना किसी एहसान के।
बिना किसी फेवर की चाह में।
कमाई वो जो आपको ओला उबर से ज्यादा मज़ा स्कूटी में दे।
कमाई वो जो जब आपको फोन करके आपको आपकी की गयी गलतियों के लिए लताड़े।
कमाना मुश्किल है। निभाना उससे भी ज्यादा।
आप जहां जहां बाटेंगे वहां से कुछ भी नही हासिल होगा।
हासिल होगा वहां से जहाँ आप उम्मीद नही करते।
वक़्त का पहिया ऐसे ही घूमता है, गोल, अनवरत और फिर आपको ले आता है उसी बिंदु पर जहां से आपने शुरुवात की थी।
फर्क बस इतना से होता है के आप अब चक्कर लगाने के आदी हो चुके होंते हैं।
हमने बहुत सी गलतियां की है।
कुछ गलतियों पे तो हँसी भी आती है और कुछ पे तो रो भी नही पाते।
ज़िन्दगी खुद को लिखा खत होती है।
जैसा आप लिखते जाते हैं वैसी हो संरचना बनती जाती है।
खत जिसमें होता है प्रेम, दर्द, आंसू, विरह, जीवन, मौन, इच्छाएं और न जाने कितने हलंत।
अपनी ज़िन्दगी में आप चुनते हैं अपना रास्ता और जब नही भी चुन पाते तो बदलना तो आपको ही होता है।
ज़िन्दगी में कमाए एक दोस्त, एक मोहब्बत, एक ख्वाब, एक हँसी और खुद बनाया एक संसार।
इसी के इर्द गिर्द जीते हम और अपनी कमाई।
हमने कमाएं हैं लोग,रिश्ते, दोस्त, मोहब्बत, नफरत, फरेब, इल्जाम, प्रेम, परिवार और कुछ उधार!
और आपने?