बेटी तू अपना संसार बना
बेटी तू मेहनत से पढ़ लिखकर अपना संसार बना,
अपने दम पर बेटी तू अपने सपने साकार बना ।
तुझको धन दौलत दे पायें हम इतने धनवान नहीं,
रोटी-दाल चले मुश्किल से इससे तुम अन्जान नहीं ।
फीस स्कूल की निश्चित देंगे तू मेहनत आधार बना,
अपने दम पर बेटी तू अपने सपने साकार बना ।
कठिन समय भी आये बेटी हिम्मत कभी हारना ना,
स्वाभिमान भी ऊँचा रखना नीची नजर गाड़ना ना ।
दृढ़ संकल्प और इच्छाशक्ति को अपना आहार बना,
अपने दम पर बेटी तू अपने सपने साकार बना ।
साधारण से साधारण लोगों को बढ़ते देखा है,
मेहनत की सीढ़ी से सफल आकाश पकड़ते देखा है ।
आशीर्वाद हमारा संग है तू अपना गुलजार बना,
अपने दम पर बेटी तू अपने सपने साकार बना ।
लेखिका
श्रीमती प्रभा पांडेय जी
” पुरनम “
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