हिंदू धर्म में भाई दूज के त्योहार का बेहद महत्व है। यह पर्व भाई-बहन के पवित्र रिश्ते, स्नेह, लगाव को दर्शाता है।
भाई दूज का पर्व दीपावली के बाद मनाया जाता है।
इस पर्व को भैया दूज, भाई टीका, यम द्वितीया भी कहा जाता है।
बहन अपने भाई के माथे पर तिलक लगाती है और उसकी लंबी आयु और सुख-समृद्धि की कामना करती है।
मान्यता है कि इस दिन यदि विधि-विधान से पूजा की जाए, तो यमराज प्रसन्न होकर पूजा करने वालों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं।
भाई दूज कब है
इस बार दिवाली 24th अक्टूबर 2022 को मनाई गई और उसके अगले दिन यानी 25th अक्टूबर 2022 को सूर्य ग्रहण होने के चलते दिवाली 24th अक्टूबर 2022 को मनाई गई।
अब 27th अक्टूबर 2022 को भाई दूज मनाई जाएगी।
भाई दूज कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया को मनाई जाती है।
भाई दूज का शुभ मुहूर्त
26th अक्टूबर 2022 को दिन में 3 बजे तक एकम है।
सूर्य उदयकालीन की स्थिति सूर्योदय से पूरे दिन मानी जाती है।
26th अक्टूबर 2022 को सुबह एकम है, वो दिन भर रहने के कारण दूज 27th अक्टूबर 2022 को सूर्योदय में दिन में 1 : 45 बजे तक रहेगी।
चूंकि, दूज सूर्योदय के समय से पड़ रहा है, इसलिए इसे पूरे दिन माना जाएगा। सूर्य उदयकालीन की स्थिति के कारण भाई दूज पर्व 27th अक्टूबर 2022 को ही इस बार मनाया जाएगा।
27th अक्टूबर 2022 को गुरुवार है।
इस दिन के हिसाब से चौघड़िया देखकर इसका शुभ मुहूर्त होगा।
सुबह साढ़े दस बजे से लेकर दिन में 3 बजे तक शुभ मुहूर्त रहेगा।
यदि कोई भाई इस मुहूर्त पर अपनी बहन से तिलक नहीं लगवा पाता है, तो शाम को साढ़े चार बजे से लेकर 6 बजे का समय शुभ है।
भाई दूज की पूजा विधि
भाई दूज के दिन सुबह उठकर सबसे पहले स्नान करके साफ या नए वस्त्र अवश्य धारण करना चाहिए।
इस दिन सभी रीति रिवाज, पूजा विधि संपन्न करने के बाद ही खाना चाहिए।
सबसे पहले भाई को तिलक करने के लिए आरती की थाल को सजाना चाहिए।
इसमें सभी आवश्यक समाग्री जैसे सिंदूर, चंदन, फल, फूल, सुपारी, मिठाई, कुमकुम, मिठाई आदि रख लें। जिस जगह पर भाई को बिठाकर तिलक लगाया जाता है, उस स्थान पर पहले चावल के मिश्रण से चौक बना लें। इसी चौक पर भाई को बिठाया जाता है।
अब शुभ मुहूर्त के समय भाई का तिलक करें।
फिर फूल, बताशे, सुपारी, काले चने आदि भाई को दें और उनकी आरती करें।
भाई अपनी बहन का हमेशा रक्षा करने का वचन देता है, उसे तोहफे देता है।
यदि बहन शादीशुदा है, तो भाई उसके घर जाता है, तिलक लगवाता है।
उसके घर ही भोजन करता है।
भाई को अपने सभी कार्यों में विजय प्राप्त हो और दोनों का प्रेम परस्पर बना रहे, एक बहन इस दिन यही कामना करती है।