भूख का अधिकार
दान है फिर भी कुपोषण बढ़ रहा,
इंसान अपना दान मंदिरो मसजिदों में क्यों कर रहा है,
क्या बनाया जिसने हमको उसको हमारे धन की दरकार है
क्यों बहाते हो तुम दूध नालियों में,
उस पर किसी मासूम की भूख का अधिकार है.
लेखक
प्रदीप कुमार दिवाकर
“LAMHE”
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