हुआ विवाह, जन्मदिन, शुभ मुहूर्त बेटा, बेटी,
होगी अगर रिश्ते में कहीं गरीब की बेटी ।
बुलायेंगे मतलब से उसे जहाँ हुआ काम,
झोंक दी जायेगी वहीं,गरीब की बेटी ।
नेग में रुपया,जेवर मिलना यदि हुआ तो,
आयेगी नहीं याद तब,गरीब की बेटी ।
मेला लगा होगा रिश्तेदारों का मगर,
पहचान ना देंगे सही,गरीब की बेटी ।
काम लिया जायेगा ज्यों नौकरानी हो,
सम्मान पाने से रही,गरीब की बेटी।
संगीत,नाच,गाना, केक काटते समय,
व्यस्त रसोई में रही,गरीब की बेटी।
गरीब की बेटी को चाहिये समझदारी,
ऐसी जगह जाये नहीं,गरीब की बेटी ।
लेखिका
श्रीमती प्रभा पांडेय जी
” पुरनम “
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