गौमाता
इस जग में सबको प्यारी अपनी गौ माता,
जन-जन इसका आभारी,अपनी गौ माता ।
करके शोध है देखा,पूर्णहार माना है,
कैल्शियम और विटामिन का भंडार माना है,
बच्चा हो या वृद्ध सभी के लिये उपयोगी,
दूध गाय का उत्तम स्वास्थ्याधार माना है ।
माने ऋषि,मुनि,संसारी,अपनी गौ माता,
इस जग में सबको प्यारी अपनी गौ माता ।
दही,पनीर,घी मक्खन,मिष्ठान बनते हैं,
खा पीकर ही योद्धा,वीर महान बनते हैं,
करते हैं जो सेवन गौ माता के अमृत का,
इतना तो निष्चित है वो इंसान बनते हैं ।
माँ जैसी पूज्य हमारी गौ माता,
इस जग में सबको प्यारी अपनी गौ माता ।
गौ माता का मूत्र बहुत से काम आता है,
तरह-तरह के रोगों से वह हमें बचाता है,
पंचगव्य के रूप में कैंसर पर भारी है,
आयुर्वेद का जानकार इसका गुण गाता है ।
भाग जाती है बीमारी अपनी गौ माता,
इस जग में सबको प्यारी अपनी गौ माता ।
उपले,गोबर खाद से भू गुण खान बनते हैं,
बच्चे बनकर बैल खेत की शान बनते हैं,
मरने पर इसके चमड़े से और सिंगों से,
कंधी,ब्रश और बैग कई सामान बनते हैं ।
गौ माता कामधेनु हमारी अपनी गौ माता,
इस जग में सबको प्यारी अपनी गौ माता ।
ये है कर्तव्य सभी का,इसका ध्यान रखें,
स्वास्थ्य,स्वच्छता से सम्बंधित ज्ञान रखें,
माँ जैसे पूजें और रक्षा हो माँ जैसी,
गौवध बंद करने का जारी अभियान रखें ।
हर बच्चा और नर-नारी अपनी गौमाता,
इस जग में सबको प्यारी अपनी गौ माता ।
लेखिका
श्रीमती प्रभा पांडेय जी
” पुरनम “
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