|| मातृ दिवस की शुभकामना ||
जल की जलधर धारा है माँ ।
बरसात की ठंडी फुहार है माँ ।
सूरज सी रोशनी है माँ ।
मिट्टी की सोंधी महक है माँ ।
हवा का ठंडा झोका है माँ ।
बिजली की रफ्तार है माँ ।
जीवन का आधार है माँ ।
चोट लगने पर चिल्लाती है माँ,
जब मुसीबत आ जाए तो याद आती है माँ ।
दुश्मन के लिए कटार है माँ ।
मेरे तेरे सुख दुख की बटवार है माँ ।
बचपन मे बच्चे के लिए दुलार है माँ ।
जवानी में बेटे का पहला प्यार है माँ ।
घर मे एक महकता गुलाब है माँ ।
पूजा की एक मूरत है माँ ।
भगवान की साक्षात सूरत है माँ ।
जन्म देने वाली जननी है माँ ।
संगीत की रागनी है माँ ।
पर्वत की सबसे ऊंची शिखा है माँ ।
ममता का भरा प्याला है माँ ।
निष्पक्षता की गौरी है माँ ।
हम सब के लिए सिरमौरी है माँ ।
सृस्टि की तरह विशाल है माँ ।
त्याग की संस्था है माँ ।
परिवार की शक्ति है माँ ।
हृदय की भांति कोमल है माँ ।
अंत नही अनन्त है माँ ।
आंखों की जन्नत है माँ ।
साधू सी भोली है माँ ।
योगी सी कर्मठ है माँ ।
पानी सी चंचल है माँ ।
राजदुलारी होती है माँ ।
बस यही होती है माँ ।
लेखक
राहुल राम द्विवेदी
” RRD “
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