More
    26.1 C
    Delhi
    Saturday, April 20, 2024
    More

      कुंडली में ये 5 योग हो तो श्रीकृष्ण जितना भाग्यशाली होता है इंसान | श्रीकृष्ण और राम की लकीरों में भी थे ये योग | 2YoDo विशेष

      कुंडली में पांच ऐसे ग्रह योग होते हैं जो बेहद शुभ और प्रबल माने जाते हैं। इन योगों को पंच महापुरुष योग कहते हैं। अगर इनमें से कोई एक भी योग जातक की कुंडली में हो तो उन्हें जीवन में कभी संघर्ष नहीं करना पड़ता। पंच महापुरुष योग गुरु, मंगल, बुध, शुक्र और शनि से मिलकर बनता है।

      ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इंसान की कुंडली में पांच ऐसे ग्रह योग होते हैं जो बेहद शुभ और प्रबल माने जाते हैं। इन योगों को पंच महापुरुष योग कहते हैं।

      अगर इनमें से कोई एक भी योग जातक की कुंडली में हो तो उन्हें जीवन में कभी संघर्ष नहीं करना पड़ता।

      पंच महापुरुष योग गुरु, मंगल, बुध, शुक्र और शनि से मिलकर बनता है।

      इन पांच ग्रहों में से जब कोई भी मूल त्रिकोण या केंद्र में बैठता है तो इंसान की किस्मत चमकती है।

      पंच महापुरुष योग तब सार्थक होता है जब ये ग्रह केंद्र में होते हैं।

      भगवान राम और श्रीकृष्ण की कुंडली में भी यही पंच महापुरुष योग विराजमान थे।

      ऊपर बताए गए ग्रहों से संबंधित पांच महायोगों के नाम इस तरह हैं-

      1. मंगल का रूचक योग
      2. बुध का भद्र योग
      3. गुरु का हंस योग
      4. शुक्र का मालव्य योग
      5. शनि का शश योग
      मंगल का रूचक योग

      यदि आपकी कुंडली में मंगल लग्न से या चंद्रमा से केंद्र के घरों में स्थित हो अर्थात यदि मंगल कुंडली में लग्न या चंद्रमा से 1, 4 7 या 10वें घर में मेष, वृश्चिक या मकर राशि में बैठा हो तो आपकी कुंडली में रूचक योग बनता है। इस योग के लोग साहसी और पराक्रमी होते हैं। इनमें शारीरिक बल भी भरपूर होता है। मानसिक रूप से ये लोग बहुत मजबूत होते हैं। ऐसे लोग बड़ी तेजी से निर्णय लेने में माहिर होते हैं। इन्हें कारोबार और प्रशासनिक मामलों में बड़ी सफलता मिलती है।

      ALSO READ  हिन्दू धर्म में एकादशी व्रत या ग्यारस तिथि का महत्त्व | जानिए पूरी जानकारी | 2YoDo विशेष
      बुध का भद्र योग

      यह योग बुध ग्रह से संबंधित है। यदि आपकी कुंडली में बुध लग्न से अथवा चंद्र कुंडली से केंद्र के घरों में स्थित है यानी बुध यदि केंद्र में चंद्रमा से 1, 4, 7 अथवा 10वें घर में मिथुन और कन्या राशि में स्थिति हैं तो आपकी कुंडली में भद्र योग बनेगा। इस कुंडली का जातक बुद्धि, चतुराई और वाणी का धनी होता है। ऐसा जातक लेखन, गणित, कारोबार और सलाहकार के क्षेत्र में बहुत सफल होते हैं। इन लोगों में विश्लेषण की गजब की क्षमता होती है।

      गुरु का हंस योग

      अगर आपकी कुंडली में धनु राशि में लग्न में या मीन राशि में कहीं भी गुरु बैठे हों तो यह योग बनता है। जब-जब बृहस्पति ऊंचा या मूल त्रिकोण में खुद के घर में या केंद्र में स्थित होंगे तब विशेष परिस्थिति में इस योग का निर्माण होगा। बृहस्पति यदि किसी कुंडली में लग्न अथवा चंद्रमा से 1, 4, 7 या 10वें घर में कर्क, धनु अथवा मीन राशि में स्थित हो तो कुंडली में हंस योग बनता है। इस योग से जातक को सुख, समृद्धि, अध्यात्मक शक्ति के धनी होते हैं। ये लोग अपने तार्किक शक्ति से दुनिया को झुकाने का दम रखते हैं।

      शुक्र का मालव्य योग

      जिस भी जातक की कुंडली में शुक्र लग्न से या चंद्रमा से केंद्र के घरों में स्थित है अर्थात शुक्र यदि कुंडली में लग्न या चंद्रमा से 1, 4, 7 या 10वें घर में वृष, तुला या मीन राशि में स्थित हो तो कुंडली में मालव्य योग बनता है। इस योग के जातक सौंदर्य और कला के प्रेमी होते हैं। काव्य, गीत, संगीत या कला के किसी भी क्षेत्र में वह सफलता हासिल करते हैं। इनमें साहस, पराक्रम, शारीरिक बल की गजब क्षमता होती है।

      ALSO READ  Giant Sunspot Doubled in Size in Just 24 Hours which is Now Directly Pointing at Earth : Researchers
      शनि का शश योग

      यदि आपकी कुंडली में शनि चंद्र से या लग्न से केंद्र के घरों में स्थित है अर्थात शनि यदि कुंडली में लग्न अथवा चंद्रमा से 1, 4, 7 या 10वें घर में तुला राशि अथवा कुंभ राशि में स्थित है तो शश योग बनता है। शश योग के जातक न्यायप्रिय, लंबी आयु और कूटनीति के धनी होते हैं। ये जातक लंबे समय तक प्रयास करने की क्षमता रखते हैं। यह किसी क्षेत्र में हार नहीं मानते हैं। सहनशीलता इनका विशेष गुण है, लेकिन शत्रु का इनसे बच पाना मुश्किल होता है।

      Related Articles

      LEAVE A REPLY

      Please enter your comment!
      Please enter your name here

      Stay Connected

      18,753FansLike
      80FollowersFollow
      720SubscribersSubscribe
      - Advertisement -

      Latest Articles