More
    25.1 C
    Delhi
    Wednesday, December 4, 2024
    More

      कोविशील्ड को लेकर अगर आपके मन में भी कोई चिंता है तो पढ़ लें | RRD’s Opinion

      नमस्कार मित्रों,

      एक खांसी की Cough Syrup के जानते हैं कितने Side Effects होते हैं?

      • Paranoia and Confusion
      • Excessive sweating
      • Nausea and vomiting (large quantities of cough syrup almost always cause people to throw up)
      • Belly Pain
      • Irregular Heartbeat
      • High blood pressure
      • Restlessness
      • Dry, Itchy skin and facial redness.

      और आज Side Effects Rare नहीं हैं, Large Sample of Population में हो सकते हैं, लेकिन क्या आपने यह Side effects झेले हैं कभी, Most cases में नहीं झेले होंगे.

      Covishield में जो Side Effects बताये जा रहे हैं, वह Rare category के हैं, लाखों करोड़ों में किसी एक को वह हो सकता है, यह एक Hit Job है, बेवजह का बवाल है और कुछ नहीं.

      Allopathy की हर दवाई के कई Side Effects होते हैं, सब बंद कर सकते क्या??

      रोटी तो सभी खाते हैं, गेहूं के आटे वाली रोटी, दिन में 4-8 रोटी तो खाते ही होंगे, कितने सालों से खा ही रहे हैं, आगे भी खाते ही रहेंगे, कभी सोचा है गेहूं के आटे से बनी रोटी खाने के क्या Side Effects होते हैं, मै बताये देता हूँ.

      • Nausea and Vomiting
      • Indigestion
      • Diarrhea
      • Sneezing
      • Stuffy or Runny Nose
      • Headaches

      अब आप बताइये कि इनमे से आपको क्या क्या हुआ है और यह भी बताइये कि रोटी खाना कब से बंद कर रहे हो?

      100 करोड़ से ज्यादा लोगों को डोज लगी है, दवाई में दिक्कत होती तो आधा भारत और आधी दुनिया हार्ट अटैक से चली गई होती, 3 साल हो गए दवाई लगे।

      मतलब इनको हाइपोथिसिस टेस्टिंग से कुछ लेना देना नहीं, एक्का दुक्का हार्ट अटैक देख लिया और चल पड़े भेड़ चाल में।

      ALSO READ  What to DO & What NOT to DO For COVID-19 Vaccination

      डॉक्टर भूपेंद्र सिंह :

      एस्ट्रोजेनिका ने 2021 में ही अपने रिसर्च पेपर में यह बताया था कि थ्रोमबोसिस इसका बहुत ही रेयर साइड इफ़ेक्ट हो सकता है। बाद में पता चला कि यह दस लाख लोगों में से किसी एक व्यक्ति को हो सकता है। अब जिसको थ्रोमबोसिस होगा, उसको इससे मृत्यु की संभावना भी केवल 1% है। अर्थात् इस वैक्सीन को यदि दस करोड़ लोगों को दिया जाय तो किसी एक व्यक्ति में मृत्यु की संभावना बनेगी। जबकि कोरोना से मृत्यु की संभावना अपने आप 2-3% थी अर्थात् 100 में से 2-3 व्यक्ति की। अब आगे और महत्वपूर्ण बात यह है कि कोरोना में जो मौतें हुई उसमें से बहुतों का कारण यहीं थ्रामबोसिस ही था। अतः दस करोड़ में से एक घटने वाली घटना से डरकर, उस घटना को आमंत्रण देना जिससे 100 में से 2 लोगों की मृत्यु हो सकती है। कोविशिल्ड की इफ़ेक्टिविटी बाद में लगभग 90% साबित हुई। अतः अंध विरोध के चलते उस चीज का विरोध करना जिसने मानवता की इतनी बड़ी सेवा की, निकृष्टता है। ब्लड कैंसर में बोन मैरो ट्रांस्प्लांट के दौरान ही 5-10% मरीज़ों की मृत्यु कैंसर के बजाय केवल उस प्रक्रिया से हो जाती है बावजूद इसके पिछले चार दशक से यह पहली चॉइस है। कभी किसी ने नहीं कहा कि यह इलाज लोगों को मार रहा है क्योंकि किसी भी दवा, इलाज और इंटरवेंशन को समग्रता से देखा जाता है। यह देखा जाता है कि नेट इससे मानवता बच रही है या नहीं। इस हिसाब से मानवता को कोवीशील्ड के आविष्कारकों का धन्यवाद देना चाहिए।

      ऐस्ट्राजेनेका की रिपोर्ट की पड़ताल :

      • ऐस्ट्राजेनेका ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि ऐसे मामले दुर्लभ है, इसलिए डरने की आवश्यकता नही है
      • AEFI की रिपोर्ट के मुताबिक ऐसे मामलों का प्रतिशत मात्र 0.007 है
      • कोविड एप्प पर पहले से ये जानकारी उपलब्ध थी
      • एक लाख में सिर्फ एक व्यक्ति के प्रभावित होने की संभावना
      ALSO READ  How We Can Use 5.9 Million Ton Lithium Reserve Found in Jammu and Kashmir | RRD’s Opinion

      वहीं Covid कहीं अधिक मारक था (1.18% Covid से पीड़ित लोग भारत में मर गए थे), और अगर Vaccine ना लगती तो मृतको की संख्या कहीं ज्यादा होती.

      हम लोग emotional fools हैं, इसलिए हर बार इन लोगों के दुश्चक्र में फंस जाते हैं.

      Pfizer के बारे में ख़बर आई थी कि उसने अपने Competitors के विरुद्ध Media में Hit Jobs चलवाई हैं, Pfizer का Competitor कौन? AstraZeneca और Bharat Biotech.

      दुनिया में देखा जाए तो Covid की Vaccine पांच देशों ने ही बनाई थी, अमेरिका, चीन, रूस, ब्रिटेन और भारत.

      याद कीजिये कैसे Covaxin के बारे में अफवाहें उड़ती थी, WHO ने उसे Approve करने में कई महीने टहलाया.

      यह Pharma Lobby में एक आम बात है, समस्या यह है कि जनता को यह पीछे के खेल समझ नहीं आते.

      Rahul Ram Dwivedi (RRD) is a senior journalist in 2YoDoINDIA.
      NOTE : Views expressed are personal.

      Related Articles

      LEAVE A REPLY

      Please enter your comment!
      Please enter your name here


      Stay Connected

      19,077FansLike
      80FollowersFollow
      819SubscribersSubscribe
      - Advertisement -

      Latest Articles