More
    30.1 C
    Delhi
    Tuesday, September 26, 2023
    More

      रणविजय भईया तुमको याद रखेंगें गुरु हम.

      ओ रणविजय भईया

      तुम आदमी थोड़ी थे बे, तुम चरस थे! एक दौर थे, अपने आप मैं ख़लीफ़ा थे ,

      तुमसे पहली बार मिले थे चन्द्रकान्ता में, अजीब से दिखते थे, मेंढक जैसी आँख, डरावनी शक्ल!

      “भगवान् ने तुम्हे आँखे ही ऐसी देदी, वरना दिल तो तुम्हारा भी साफ़ था!”

      तुमसे पहली मुलाकात तो हुई पर हमारी जमी नहीं कुछ खास, तुम विलन टाइप लगे हमको! फिर वक़्त बीता, ज़िन्दगी आगे बढ़ गई, और हम तुमसे फिर से टकराए, जब हम कॉलेज में थे !

      थोड़ी बहुत गुंडई हम भी करने लगे थे, और समझने लगे कि हर विलन गलत होता है पर सारे बुरे नहीं होते! फिर किसी दोस्त ने कहा ‘ हासिल’ देखे हो? हमने कहाँ “नहीं!”


      वहां से शुरू हुए तुम, लैपटॉप में लगा दी किसी ने पिक्चर, और वो जो फिल्म शुरू हुई तो ढाई घंटे में तुम इरफ़ान खान से हमारे रणविजय भईया बन गए! तुम हरामी थे फिल्म में, पर हम जानते थे कि तुम हरामी क्यों थे!

      जब तुम विश्वविद्यालय में बम बनाने के लिए भाग रहे थे, हम तुम्हारे पीछे ही थे, एक दो गोली हमारे कान के बगल से भी निकली, हमने तुमको आवाज दी कि भईया आज रहने दीजिये, लौंडे ज्यादा है, पर तुम तो तुम थे 

      “फ़ौज ज्यादा है तो भाग जाएँ, मारे साला लप्पड़ तुम्हारी बुद्धि खुल जाए!”

      हमही को डांट दिए! लगे थे बम बनाने, अकेले ही पिल जाना था तुमको! वैसे बम बहुत सही मारे थे, नाटे के कान का छिट्टा हमारी आँख में भी पड़ा! थोड़ा और टाइट भरते तो नटवा का खेल ख़तम था!

      ALSO READ  Avatar : The Way of Water to Release in India in English, Hindi, Tamil, Telugu, Kannada and Malayalam


      जब तुम जमीन पर गिरे थे और गौरी शंकर धमकी दीस था बेज्जत करके, हमने देखा तुम्हारे खून थूकने के अंदाज में रौला था, तुम्हारी माफ़ी में भी एक तैश था!

      “हमें पता था कि अगर तुम रह गए तो मारने में देर न लगाओगे!”

      हम समझ गए पर गोपलवा नहीं समझा! कम हो गया!
      हमने अपना खेमा चुन लिया था, अब मरेंगे तो इसी गैंग के साथ! हम रणविजय सिंह के साथ हो लिए! एक बार जो तुम्हारी फ़ौज में हुए तो फिर सही गलत का फर्क भूल गए! जो तुम करते सही लगता!

      हमें तुम्हारी किसी बात से दिक्कत नहीं हुई, न जब तुमने निहारिका के बालों से बिना पूछे रिबन ले लिया था बम बनाने को, न ही तब जब तुमने अन्नी को फंसवा के बम्बई भिजवा दिया, न ही तब जब तुमने धमकी दी थी आंटी जी को,

      “कि आपको ही मंडप में घुमा देंगे”!


      हमें पता था तुम गलत थे, पर तुम्हारी हसीन गफलत , सही-गलत के फेर से बहुत ऊपर थी! तुम वो बड़े भईया थे, जिनके जैसा हम बनना चाहते थे, पर हम जानते थे कि हमारे में उतना गूदा नहीं है! सो हम तुम्हारे मुन्ना बनकर ही खुश रहे!


      पिक्चर ख़तम हो गई थी, हीरो अन्नी था, सही भी था, पर तुम्हारे मरने पर बहुत बुरा लग रहा था! तुम्हारा बचना भी मुनासिब नहीं होता शायद!

      तुम इतनी बड़ी चरस थे कि कुम्भ के मेले में अगर उस दिन तम्बू के पीछे हम होते, तो शायद अन्नी के हाथ से कट्टा छीनकर हम कट्टा तुम्हारे हाथ में दे देते!

      ALSO READ  Sidhu Moose Wala's SYL Song Removed From YouTube in India After Government Complaint

      हमें पता था असली आसिक तुम ही थे और तुम निहारिका के लिए क्या कर सकते थे!


      याद है तुमने जैक्सन से गौरी शंकर के मरने पर पूछा था कि अब कहाँ खाओगे रोटी सब्जी? भईया अब ये सवाल घूम कर हम तक वापस आ गया है, बताओ न

      “तुम खिलाओगे, माई डेली ब्रेड? 


      तुम तो गमछा मुंह पर लपेट के भाग लिए, फ़ौज को अगला आर्डर दिए बिना!
      पर हम भी तुम्हारे गोरिल्ला है, हमको पता है तुम्हारा नया गाँव कहाँ है, हम मिलेंगे तुमको, वहीँ जहाँ तुमने बताया था गोपलवा को मारने के बाद…

      “संगीत टॉकीज, रात को नौ से बारह!”

      Related Articles

      2 COMMENTS

      LEAVE A REPLY

      Please enter your comment!
      Please enter your name here

      Stay Connected

      18,460FansLike
      76FollowersFollow
      653SubscribersSubscribe
      - Advertisement -

      Latest Articles