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      || जल प्रदूषण ||

      जल प्रदूषण

      उद्योगपति प्रदूषित जल जब तक नदियों में डालेंगे,
      यत्न सभी जाया जायेंगे, जब तक हम ये टालेंगे ।

      कपड़ा मिल से निकला जल,होता कैमिकल से युक्त,
      करे प्रदूषित नदी के जल को,ना हो सके प्रदूषण मुक्त,
      ऐसा जल पीकर सब प्राणी कैसे सेहत संभालेंगे,
      उद्योगपति प्रदूषित जल जब तक नदियों में डालेंगे ।

      जंग मिला पानी लोहा कारखाने से जल में जाता,
      ये जल भी भारी होता है और प्रदूषित कहलाता,
      कहां भला फिर स्वास्थ्य अधिकारी इतना देखें भलेंगे,
      उद्योगपति प्रदूषित जल जब तक नदियों में डालेंगे ।

      चमड़ा कारखाने से निकला जल भी नदी में ही जाता,
      हैजा,स्वांस,दमा जैसे लाखों रोगों का जन्मदाता,
      तंत्र यही सोचा करता किस-किस को भला संभालेंगे,
      उद्योगपति प्रदूषित जल जब तक नदियों में डालेंगे ।

      उद्योगपति जनहित समझें, आगे आकर कुछ यत्न करें,
      कूड़ा, कर्कट, गंदे पानी को अलग रखें प्रयत्न करें,
      नहीं तो जब जग से जायेंगे, कृत्य उन्हें खुद सालेंगे,
      उद्योगपति प्रदूषित जल जब तक नदियों में डालेंगे ।

      लेखिका
      श्रीमती प्रभा पांडेय जी
      ” पुरनम “

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