जल पृथ्वी में जाने दो
जल पृथ्वी में जाने दो,
धरती में समाने दो ।।
सरर सरर जल पृथ्वी में जा,
उरवर उसे बनाने दो ।।
अन्न तभी होगा पैदा,
फसल जरा लहराने दो ।।
पीने का जल तभी मिले,
पहले उसे बचाने दो ।।
जल बिन पल ना कट पाये,
ये महिमा समझाने दो ।।
जल से ही वन,आदमी,
का अस्तित्व बचाने दो ।।
जल सबका है पूज्यदेव,
महिमा जल की गाने दो ।।
लेखिका
श्रीमती प्रभा पांडेय जी
” पुरनम “
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