More
    26.7 C
    Delhi
    Saturday, April 20, 2024
    More

      कृष्णा जन्माष्टमी | इस साल 2 दिन मनाया जाएगा श्रीकृष्णा जन्मोत्सव

      इस साल दो दिन जन्माष्टमी पर्व मनाया जाएगा। स्मार्त और निम्बार्क सम्प्रदाय के अनुयायी अपनी-अपनी परंपरा के अनुसार यह पर्व अलग-अलग दिन मनाएंगे।

      हर वर्ष भाद्रपद मास के कृष्णपक्ष की अष्टमी तिथि को श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर्व हर्षोल्लास से मनाई जाएई। उनका जन्म रोहिणी नक्षत्र, हर्षण योग और वृषभ राशि में हुआ था। हिन्दू धर्म में इस पर्व का बहुत महत्व है। देशभर के मंदिरों में भगवान श्री कृष्ण के बाल स्वरूप की विशेष पूजा की जाती है। मान्यता है कि इस दिन लड्डू गोपाल की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है। लेकिन हर वर्ष तिथि को लेकर दुविधा बनी रहती है। इस बार भी ऐसी ही दुविधा की स्थिति बनी हुई है। वह इसलिए क्योंकि इस साल दो दिन कृष्ण जन्माष्टमी पर्व मनाई  जाएगी।

      किस दिन मनाई जाएगी श्री कृष्ण जन्माष्टमी?

      हिन्दू पंचांग के अनुसार इस वर्ष 2 बार श्री कृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाएगी। ध्यान दें कि 18 अगस्त को गृहस्थ जीवन की श्रेणी में आ चुके लोग जन्माष्टमी पर्व मनाएंगे। अगले दिन यानि 19 अगस्त को साधु-संत इस पर्व को मनाएंगे। इस दिन बहुत शुभ योग का निर्माण हो रहा है जिस वजह इस साल की जन्माष्टमी बेहद खास होने वाली है। पंचांग के अनुसार इस दिन वृद्धि योग का निर्माण हो रहा है। माना जाता है कि इस योग में भगवान श्री कृष्ण की पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि आती है और माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं। 

      ALSO READ  Krishna Janmashtami 2023 : Dos And Don'ts to Follow While Fasting For Baghwan Krishna
      जन्माष्टमी का शुभ मुहूर्त
      • जन्माष्टमी पर्व तिथि: 18th अगस्त 2022, गुरुवार
      • अष्टमी तिथि: 18th अगस्त शाम 09:21 से 19th अगस्त रात 10:59 तक 
      • अभिजीत मुहूर्त: 18th अगस्त को दोपहर 12:05 से 12:56 तक।
      • वृद्धि योग: 17th अगस्त दोपहर 08:56 से अगले दिन रात 08:41 तक।
      • ध्रुव योग: 18th अगस्त रात 08:41 से 19th अगस्त रात 08:59 तक।
      जन्माष्टमी का इतिहास

      जब भगवान कृष्ण का जन्म हुआ था, मथुरा पर उनके मामा कंस का शासन था। कंस अपनी बहन के बच्चों को मारना चाहता था क्योंकि भविष्यवाणी में कहा गया था कि दंपति का आठवां बेटा कंस के पतन का कारण बनेगा। भविष्यवाणी को सुनने के बाद, कंस ने देवकी और वासुदेव को कैद कर लिया और उनके जन्म के तुरंत बाद उनके पहले छह बच्चों को मार डाला।

      देवकी के सातवें बच्चे को देवकी के गर्भ से राजकुमारी रोहिणी के गर्भ में डाल दिया गया था। जब उनके आठवें बच्चे, भगवान कृष्ण का जन्म हुआ, तो पूरा महल नींद में चला गया और वासुदेव ने वृंदावन में नंद बाबा और यशोदा के घर में बच्चे को बचाया। इसके बाद वह एक बच्ची के साथ महल में लौट आए और उसे कंस को सौंप दिया। जब दुष्ट राजा ने उसे मारने की कोशिश की, तो वह देवी दुर्गा में बदल गई, जिसने उसे अपने आसन्न विनाश के बारे में चेतावनी दी। बाद में, कृष्ण ने अपने मामा कंस को उसके सभी बुरे कामों के लिए मार दिया।

      जन्माष्टमी का महत्व

      कृष्ण भक्त अपने घरों को फूलों, दीयों और रोशनी से सजाते हैं। मथुरा और वृंदावन के सभी मंदिरों में सबसे रंगीन उत्सव होते हैं। भक्त कृष्ण के जीवन की घटनाओं को फिर से बनाने और राधा के प्रति उनके प्रेम को मनाने के लिए रासलीला भी करते हैं।

      ALSO READ  Diwali 2021: Interesting Facts About Ramayana

      Related Articles

      LEAVE A REPLY

      Please enter your comment!
      Please enter your name here

      Stay Connected

      18,753FansLike
      80FollowersFollow
      720SubscribersSubscribe
      - Advertisement -

      Latest Articles