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      || माँ जी खाना खा लो ना | MAA JI KHANA KHA LO NA ||

      माँ जी खाना खा लो ना

      भूख हमें भी लगी है माँ जी खाना खा लो ना,
      पान सुपारी की डलिया जल्दी से भीतर ला लो ना ।

      अपनी सखी सहेली से कल दिन में माँ बतिया लेना,
      वो अपनी की बतलायेगी तुम भी कल बतला लेना ।
      आज मगर भीतर आकर भगवन का भोग लगा लो ना,
      भूख हमें भी बहुत लगी है माँ जी खाना खा लो ना ।

      पाँच माह का बच्चा हमको गर्भ में बहुत सताये है,
      बार बार तो भूख लगे है ऊपर से जी ललचाये है ।
      गर्भावस्था की थोड़ी सी यादें वापिस ला लो ना,
      भूख हमें भी बहुत लगी है माँ जी खाना खा लो ना ।

      तेल बहुत कम डाला हमने हल्के नमक मसाले हैं,
      सुबह आपने बतलाया था मुँह में थोड़े छाले हैं ।
      भींज भींज कर दाल और चांवल,रोटी,सब्जी खा लो ना,
      भूख हमें भी बहुत लगी है माँ जी खाना खा लो ना ।

      खट्टा हमको भला लगे है चटनी आज बनाई है,
      जीरा,राई, हींग से हमने राहर दाल छौंकाई है ।
      आँगन में भी आई होगी ये सुगन्ध मन भा लो ना,
      भूक हमें भी बहुत लगी है माँ जी खाना खा लो ना ।

      लेखिका
      श्रीमती प्रभा पांडेय जी
      ” पुरनम “

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