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      अनंत यात्रा पर नेता जी | 2YoDo की तरफ से श्रधांजलि धरतीपुत्र को!!

      पक्ष के पहाड़ थे मुलायम, अपने विचार व संबंधों के लिए अडिग रहे, गजब का उत्साह और जोश भरने वाले करिश्माई नेता थे विपरीत परिस्थितियों में भी संघर्ष करने का उनका अथक और कठिन परिश्रम ही उन्हें भारत की राजनीति मे एक मजबूत धर्मनिरपेक्ष सामाजिक न्याय का पक्षधर गरीब गुरबा दलित पिछड़े अकलियत और वंचित के हित में काम करने वाला साहसी नेता के तौर पर स्थापित किया

      शुरुआती दिनों में जब मंडल बनाम कमंडल की लड़ाई बहुत जोर पर थी ,80 के दशक का उत्तरार्ध और 90 के दशक का पूर्वार्ध राजनीतिक हलचल का और व्यापक बदलाव का समय रहा, पूरे भारत में नए तरह की राजनीति और नेताओं का उदय हो रहा था उसमें एक मुलायम सिंह का नाम प्रमुख रूप से उभरकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के बतौर आया.

      मुलायम सिंह यादव का पिछड़ों दलितों और मुसलमानों में जबरदस्त लोकप्रियता थी घर घर में मुलायम की चर्चा बनी रहती, मुलायम सिंह यादव ने जोरदार तरीके से महिलाओं की पढ़ाई लिखाई दवाई और अधिकारों की वकालत करते हुए उन्होंने कहा था कि आप अपने अधिकारों और हक के लिए लड़ो और हंसते हुए कहां तुम्हें पति अगर रोकता है तो, तो पति से बेलन लेकर लड़ पडो..मुलायम सिंह यादव ने महिलाओं को राजनीति में विशेष स्थान दिया और उन्हें आगे बढ़ाया.

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      लड़कियों को पढ़ाई करने के लिए और उनकी शादी के लिए विशेष स्कीमों के माध्यम से सशक्त किया.

      मुलायम सिंह यादव ने लोकतांत्रिक व्यवस्था को और लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए हर संभव कोशिश किया, 2003 में मुलायम सिंह यादव तीसरी बार मुख्यमंत्री बने, शपथ ग्रहण करने के बाद इलाहाबाद विश्वविद्यालय छात्र संघ की प्राचीर पर आकर उन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय सहित प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में छात्रसंघ चुनाव कराने की घोषणा की तमाम नए और युवा छात्रों को राजनीति में जाने का और इस देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था में भागीदार होने का व्यापक अवसर मिला.

      समाजवादी नेता जनेश्वर मिश्र की अंतिम यात्रा में शामिल होने नेता जी आए थे, नेता जी ने जनेश्वर जी को श्रद्धांजलि देने के पश्चात उनके अर्थी को कंधा दिया.

      2012 में उत्तर प्रदेश में एक बार फिर समाजवादी पार्टी की सरकार बनी और नेता जी ने अपने पुत्र अखिलेश यादव को मुख्यमंत्री बना दिया.

      मंडल कमीशन को सर्वप्रथम उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री रहते हुए माननीय नेता जी ने लागू किया था यूपी पिछड़े वर्गों को आरक्षण मिलना शुरू हुआ

      मुलायम सिंह यादव अपनी राजनीति के शुरुआती दिनों में जितने हैं फौलादी चट्टानी और मजबूत इरादों वाले थे तथा समाजवाद और सामाजिक न्याय के नाम पर एक ध्रुव तारे की तरह अटल योद्धा थे.

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      मुलायम सिंह यादव बाद के दिनों में अपने परिवारिक राजनीति में व्यापक उतार चढ़ाव के कारण हाशिए पर चले गए और अंतिम दिनों में राजनीति की मुख्यधारा से एकदम कट गए.

      आज मुलायम सिंह यादव दुनिया से विदा ली लेकिन वह करोड़ों लोगों के सपनो अरमानों और उम्मीदों को पूरा करने के लिए प्रेरणा के प्रकाश पुंज की तरह प्रज्वलित होते रहेंगे और उनका नाम सदियों तक अमर रहेगा.

      हम सब आपसे हमेशा प्रेरित होते रहेगे..

      नेताजी नमन श्रद्धांजलि 

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