More
    31.7 C
    Delhi
    Saturday, April 20, 2024
    More

      रमा एकादशी आज | जानिए पूरी जानकारी | 2YoDo विशेष

      हिन्दू धर्म में रमा एकादशी बहुत महत्व है। इस एकादशी को लक्ष्मी जी के नाम पर रमा एकादशी कहा जाता है। इस एकादशी पर महालक्ष्मी के रमा स्वरूप के साथ-साथ भगवान विष्णु के पूर्णावतार केशव स्वरुप के पूजन का विधान है। यह चातुर्मास की अंतिम एकादशी है। इस एकादशी व्रत के प्रभाव से जीवन में सुख-समृद्धि आती है।

      रमा एकादशी की तिथि
      • एकादशी तिथि प्रारंभ: 20th अक्टूबर 2022 अपराह्न 04:04 बजे
      • एकादशी तिथि समाप्त: 21st अक्टूबर 2022 शाम 05:22 बजे
      रमा एकादशी व्रत की पूजा विधि

      एकादशी व्रत के नियमों का पालन दशमी के दिन से ही शुरू हो जाते हैं। अत: दशमी के दिन सूर्यास्त के बाद भोजन ग्रहण नहीं करना चाहिए। एकादशी पर होने वाले धार्मिक कर्म इस प्रकार हैं:

      • रमा एकादशी के दिन प्रात:काल स्नान के बाद व्रत का संकल्प लेना चाहिए और भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए।
      • पूजन में भगवान विष्णु को धूप, तुलसी के पत्तों, दीप, नैवेद्य, फूल और फल आदि अर्पित करना चाहिए।
      • रात्रि में भगवान विष्णु का भजन-कीर्तन या जागरण करना चाहिए।
      • एकादशी के अगले दिन द्वादशी पर पूजन के बाद जरुरतमंद व्यक्ति या ब्राह्मण को भोजन और दान-दक्षिणा देकर, अंत में भोजन करके व्रत खोलना चाहिए।
      रमा एकादशी व्रत का महत्व

      पद्म पुराण में उल्लेखित वर्णन के अनुसार रमा एकादशी व्रत कामधेनु और चिंतामणि के समान फल देता है। इस व्रत को करने से मनुष्य के सभी पाप कर्मों का नाश होता है और उसे पुण्य फल की प्राप्ति होती है। इस व्रत के प्रभाव से धन-धान्य की कमी दूर होती है।

      ALSO READ  घर में ये वस्तु रखने से खुशहाली देने लगती है दस्तक | जानिए पूरी जानकारी | 2YoDo विशेष
      रमा एकादशी व्रत की कथा

      प्राचीनकाल में विंध्य पर्वत पर क्रोधन नामक एक महाक्रूर बहेलिया रहता था। उसने अपनी सारी जिंदगी, हिंसा,लूट-पाट, मद्यपान और झूठे भाषणों में व्यतीत कर दी। जब उसके जीवन का अंतिम समय आया तब यमराज ने अपने दूतों को क्रोधन को लाने की आज्ञा दी। यमदूतों ने उसे बता दिया कि कल तेरा अंतिम दिन है।

      मृत्यु भय से भयभीत वह बहेलिया महर्षि अंगिरा की शरण में उनके आश्रम पहुंचा। महर्षि ने दया दिखाकर उससे पापाकुंशा एकादशी का व्रत करने को कहा। इस प्रकार पापाकुंशा एकादशी का व्रत-पूजन करने से क्रूर बहेलिया को भगवान की कृपा से मोक्ष की प्राप्ति हो गई।

      Related Articles

      LEAVE A REPLY

      Please enter your comment!
      Please enter your name here

      Stay Connected

      18,752FansLike
      80FollowersFollow
      720SubscribersSubscribe
      - Advertisement -

      Latest Articles