गणतंत्र दिवस आज | जानिए पूरी जानकारी | 2YoDo विशेष
Table of Contents
hide
भारत में गणतंत्र दिवस हर वर्ष 26 जनवरी को मनाया जाता है। जैसा कि आप सभी को पता है भारत देश को आजादी 15 अगस्त 1947 को मिली लेकिन उस समय हमारा संविधान नहीं लागू था और 26 जनवरी 1950 को ही हमारा संविधान लागू किया गया और इसी दिन भारत एक संप्रभु, लोकतांत्रिक गणराज्य बना इसलिए गणतंत्र दिवस मनाया जाता है।
गणतंत्र दिवस का इतिहास
इस साल गणतंत्र दिवस 26 जनवरी 2023 को मनाया जाएगा, यह 74वां गणतंत्र दिवस होगा। गणतंत्रता दिवस मनाने का उद्देश्य हमारे देश का संविधान 26 जनवरी को लागू किया गया और इससे पहले भी इसका इतिहास 26 जनवरी से जुड़ा हुआ है।
31 दिसंबर 1930 को पंडित जवाहरलाल नेहरू ने रावी नदी के तट पर कांग्रेस के अधिवेशन में 26 जनवरी को पूर्ण स्वाधीनता की घोषणा की इसी कारण इस दिन गणतंत्रता दिवस मनाने का महत्व और बढ़ जाता है।
स्वतंत्रता पश्चात भी इस दिन का महत्व बनाए रखने के लिए 3 साल बाद 26 जनवरी 1950 को भारत का संविधान इसी दिन लागू किया गया और इस दिन को गणतंत्रता दिवस के रुप में मनाया जाने लगा।
गणतंत्रता दिवस के मौके पर जो परेड होती है वह विजय पथ से शुरू होकर इंडिया गेट तक चलती है। जिसमें थलसेना वायुसेना और थलसेना तीनों सेनाएं राष्ट्रपति को सलामी देती है। और अपने हथियारों के साथ शौर्य प्रदर्शन करती है।
गणतंत्र का अर्थ होता है कि देश का मुखिया संविधान द्वारा निर्मित होगा और वह वंशानुगत ना होकर लोगों द्वारा चुना जाएगा इसी अनुसार भारत का राष्ट्रपति वंशानुगत ना होकर लोगों द्वारा चुना जाता है।
गणतंत्र दिवस पर जानिए संविधान की 7 खास बातें
संविधान सभा की प्रथम बैठक सोमवार 9 दिसंबर 1946 को प्रातः 11 बजे शुरू हुई। इसमें 210 सदस्य उपस्थित थे। 11 दिसंबर 1946 को संविधान सभा की बैठक में डॉ. राजेंद्रप्रसाद को स्थायी अध्यक्ष चुना गया, जो अंत तक इस पद पर बने रहे।
13 दिसंबर 1946 को पंडित जवाहरलाल नेहरू ने संविधान का उद्देश्य प्रस्ताव सभा में प्रस्तुत किया, जो 22 जनवरी 1947 को पारित किया गया। इसकी मुख्य बातें इस प्रकार हैं-
- भारत एक पूर्ण संप्रभुता संपन्न गणराज्य होगा, जो स्वयं अपना संविधान बनाएगा।
- भारत संघ में ऐसे सभी क्षेत्र शामिल होंगे, जो इस समय ब्रिटिश भारत में हैं या देशी रियासतों में हैं या इन दोनों से बाहर, ऐसे क्षेत्र हैं, जो प्रभुतासंपन्न भारत संघ में शामिल होना चाहते हैं।
- भारतीय संघ तथा उसकी इकाइयों में समस्त राजशक्ति का मूल स्रोत स्वयं जनता होगी।
- भारत के नागरिकों को सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय, पद, अवसर और कानूनों की समानता, विचार, भाषण, विश्वास, व्यवसाय, संघ निर्माण और कार्य की स्वतंत्रता, कानून तथा सार्वजनिक नैतिकता के अधीन प्राप्त होगी।
- अल्पसंख्यक वर्ग, पिछड़ी जातियों और कबायली जातियों के हितों की रक्षा की समुचित व्यवस्था की जाएगी।
- अवशिष्ट शक्तियां इकाइयों के पास रहेंगी।
- 26 जनवरी 1950 को भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने 21 तोपों की सलामी के बाद भारतीय राष्ट्रीय ध्वज को फहराकर भारतीय गणतंत्र के ऐतिहासिक जन्म की घोषणा की थी। अंग्रेजों के शासनकाल से छुटकारा पाने के 894 दिन बाद हमारा देश स्वतंत्र राज्य बना। तब से आज तक हर वर्ष समूचे राष्ट्र में गणतंत्र दिवस गर्व और हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।