सरस्वती नमन
नमन वीणापाणि हो स्वीकार मेरा,
श्रद्धा एवं सुमन से भरा घर मेरा ।
सरस्वती, कल्याणी माँ ज्ञानदायिनी,
करें ज्ञान विज्ञान से विस्तार मेरा ।
सदा चरण पूजूँ ऐ विद्या की देवी,
विनय ,पूजा हो माँ अधिकार मेरा।
तेरा हंस वाहन, धवल श्वेत धारण,
चरण ज्ञान,अमृत ही आहार मेरा ।
दया से मेरी हमको आशीष दे दे,
आभा से हो स्वप्न साकार मेरा ।
करूँ खर्च पल पल बढ़ती ही जाये,
कभी ना हो खाली ये भंडार मेरा ।
रहे सर्वदा सुख जहाँ वास तेरा,
कृपा कण में है माँ आधार मेरा ।
लेखिका
श्रीमती प्रभा पांडेय जी
” पुरनम “
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