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      || सिस्टर | SISTER ||

      सिस्टर

      पीड़ाहारी, सीधी सादी नारी है सिस्टर,
      किन्तु मुसीबत और सितम की मारी है सिस्टर ।

      श्वेत धवल वस्त्र में गम्भीर धीर सी,
      त्याग, सेवा और दया अवतारी है सिस्टर ।

      कभी लगाये इंजेक्शन और दे कभी दवा,
      कभी-कभी तो डाक्टर पे भी भारी है सिस्टर ।

      भूकंप, ऐक्सिडेंट या आई कोई विपदा,
      दिन और रात जागते गुजारी है सिस्टर ।

      छोटा है उसके सामने शब्दों का भंडार,
      स्नेह, नम्रता,विनय की पिटारी है सिस्टर ।

      ग्लूकोज तो ग्लूकोज है ये दे कुनैन भी,
      शक्कर से भी मीठी नमक से खरी है सिस्टर ।

      मवाद,जख्म साफ कर लगाये है मलहम,
      दर्द और कराह काटे वो आरी है सिस्टर ।

      इसके सभी ऐसानमन्द और नतमस्तक
      है कर्जदार जग तेरा आभारी है सिस्टर ।

      लेखिका
      श्रीमती प्रभा पांडेय जी
      ” पुरनम “

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