तेरे नाम
तू कहे तो खींच कर सूरज को
अभी साम कर दू
तमाम सितारों की रोशनी
तेरे नाम कर दू
ये नशा ही एसा है
जो तेरी आँखों से पिया है
अब तो लगता है इस नशे में
ही जिंदगी तमाम कर दू
यूं तो देखने को लाख मंजर हैं
इस दुनिया में
पर अब वे लगता है
कि नजर सिर्फ तेरे नाम कर दू
लेखक
प्रदीप कुमार दिवाकर
“LAMHE”
READ MORE POETRY BY PRADEEP JI CLICK HERE