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      ये योग बताते हैं शादी के बाद मिलता है अमीर ससुराल | 2YoDo विशेष

      कहते हैं जो पहले दुख भोगता है वो बाद में सुख भी भोगता है, यहीं जीवन चक्र है। कि मनुष्य की किस्मत बदलती रहती है। कुछ शादी से पहले दुख और गरीबी का जीवन बसर करते हैं, लेकिन शादी के बाद किस्मत पलट जाती है और अमीर होते है। 

      ससुराल से धन लाभ 

      ज्योतिष के अनुसार कुंडली में ऐसे योग होते हैं जो बताते हैं कि व्यक्ति की शादी किसी अमीर घर में हो सकती है और उसे ससुराल से धन लाभ हो सकता है। ससुराल की मदद सभी परेशानियां दूर हो जाएंगी और हर काम में लाभ मिलने की संभावनाएं बढ़ सकती हैं।

      पहला योग : जब कुंडली मेंचतुर्थ भाव का स्वामी या द्वितीयेश (द्वितीय भाव का स्वामी) सप्तम भाव में हो और उस पर शुक्र की दृष्टि या शुक्र साथ हो तो व्यक्ति की ससुराल से अप्रत्याशित लाभ मिलता है।

      दूसरा योग : कुंडली में सप्तमेश मतलब सप्तम भाव का स्वामी एवं धनेश (द्वितीय भाव का स्वामी) एक ही राशि में हो और उन पर शुक्र की दृष्टि पड़ रही हो तो ससुराल से मदद मिलती है।

      तीसरा योग : कुंडली में चंद्रमा सप्तम भाव का स्वामी हो या चंद्रमा धन भाव (दूसरा भाव) में हो तो ससुराल धनी होता है।

      चौथा योग : द्वितीय भाव का स्वामी सप्तम भाव में हो और उस पर शुक्र की दृष्टि पड़ रही हो तो ससुराल से फायदा मिलता है।

      पांचवां योग : कुंडली के चतुर्थ भाव का स्वामी सप्तम में तथा सप्तम भाव का स्वामी चतुर्थ भाव में हो तो ससुराल से लाभ होता है।

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      ध्यान रखें कि योग कुंडली के अन्य ग्रह योगों के प्रभाव से बदल भी सकते हैं। कुंडली के दोषों की वजह से शुभ ग्रहों का असर कम हो सकता है।

      धन के सुख का योग है या नहीं
      • दिन में जन्म लेने वाले जातक का चन्द्रमा अपने नवांश में हो तथा उसे गुरु देख रहा हो तो प्राप्त धन के सुख का योग बनता है।
      • रात्रि में जन्म हो और चंद्रमा को शुक्र देख रहा हो तो धन से सुख प्राप्ति होती है। भाग्य के स्वामी का लाभ के स्वामी के साथ योग हो तो प्राप्त धन से सुख मिलता है। चौथे घर का मालिक भाग्येश के साथ बैठा हो तो भी सुख होता है।
      • जन्म कुण्डली में भाग्येश और पंचमेश का योग हो, भाग्येश और द्वितीयेश का योग हो, दशमेश और लाभेश एक साथ हों अथवा दशमेश और चतुर्थेश २, ४, ५ या ९वें घर में एक साथ बैठे हो तो धन से सुख मिलता है।
      • कुण्डली में धनेश और पंचमेश का योग हो, लग्न का स्वामी चौथे घर स्वामी के साथ बैठा हो, लाभेश और चतुर्थेश का कुण्डली में योग हो अथवा लाभेश और धनेश का योग हो तो धन से सुख मिलता है।
      • जन्म कुण्डली में लाभेश और लग्नेश का योग हो, लग्नेश और धनेश का योग हो अथवा लग्न का स्वामी पांचवें स्थान के स्वामी के साथ बैठा हो तो जीवन में प्राप्त धन का सुख जातक को प्राप्त होता है। अन्यथा कई लोग कमाते-कमाते ही हाय-हाय करके मर जाते हैं और प्राप्त धन का सुख कभी नहीं मिलता।
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