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      || वृक्षारोपण ||

      वृक्षारोपण

      हम सब वृक्षारोपण तो कर लेते हैं,
      बस इतने से मन अपना भर लेते हैं ।

      नहीं डालते घेरा उसके चारों ओर,
      नहीं जानते जल डाला जाता प्रति भोर,
      दूजे दिन ही गाय भैंस चर लेते हैं,
      हम सब वृक्षारोपण तो कर लेते हैं ।

      नहीं चाहते पलट कभी पौधा देखें,
      कितने सूखे,कितने टूटे,हम लेखें,
      गलत धारणा बिन परखे धर लेते हैं,
      हम सब वृक्षारोपण तो कर लेते हैं ।

      इल्ली चींटी ने कितने पौधे खाये,
      कितने बच्चों ने हैं खेल में झटकाये,
      मृगतृष्णा से सच्चाई हर लेते हैं,
      हम सब वृक्षारोपण तो कर लेते हैं ।

      वृक्षारोपण करना है तो ध्यान रखें,
      इनकी रक्षा भी करनी है चित्त रखें,
      बोझ भी रक्षा का अपने सर लेते हैं,
      हम सब वृक्षारोपण तो कर लेते हैं ।

      लेखिका
      श्रीमती प्रभा पांडेय जी
      ” पुरनम “

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