|| व्यवहार भी सिखाईये ||
मात्र पढ़ाई नहीं व्यवहार भी सिखाईये,
कष्ट के समय बने आधार भी सिखाईये ।
पढ़ाई ही पढ़ाई, स्नातक फिर स्नातकोत्तर,
रोटी,सब्जी,मुरब्बा,अचार भी सिखाईये,
मात्र पढ़ाई नहीं व्यवहार भी सिखाईये ।
पुस्तक ज्ञान ही नहीं होता संपूर्ण ज्ञान है,
गैस,कुकर,ओवन की रफ्तार भी सिखाईये,
मात्र पढ़ाई नहीं व्यवहार भी सिखाईये ।
जितनी है चादर वो पैर मात्र उतने पसारे,
बात बात में न ले उधार भी सिखाईये,
मात्र पढ़ाई नहीं व्यवहार भी सिखाईये ।
चुक न जाये आटा, नमक ध्यान रखे सर्वदा,
और अपाहिज पे हो उपकार भी सिखाईये,
मात्र पढ़ाई नहीं व्यवहार भी सिखाईये ।
दिन न रहते एक से किसी घर परिवार में,
सुख के साथ दुख करे स्वीकार भी सिखाईये,
मात्र पढ़ाई नहीं व्यवहार भी सिखाईये ।
लेखिका
श्रीमती प्रभा पांडेय जी
” पुरनम “
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