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      वॉलमार्ट फाउंडेशन ने मध्य प्रदेश और पश्चिम बंगाल में किसान उत्पादक संगठनों को मज़बूत बनाने के उद्देश्‍य से की 35 लाख डॉलर से अधिक निवेश की घोषणा

      वॉलमार्ट फाउंडेशन ने आज मध्य प्रदेश और पश्चिम बंगाल में किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) ढांचे के माध्यम से छोटे किसानों के सशक्तिकरण के उद्देश्य के लिए तीन नए अनुदान देने की घोषणा की है। इस अनुदान में मध्य प्रदेश और पश्चिम बंगाल में किसानों के आर्थिक सशक्तिकरण और उनकी आय बढ़ाने के लिए ऐक्सेस डेवलपमेंट सर्विसेज़ को 17 लाख डॉलर, मध्य प्रदेश में छोटे और सीमांत किसानों के जीवन में सुधार लाने और महिलाओं को ग्रामीण उद्यमियों के तौर पर आगे बढ़ाने के लिए सृजन को 10.9 लाख डॉलर और मध्य प्रदेश में छोटे किसानों के लिए जीवनयापन को बेहतर बनाने के उद्देश्य से ऐक्शन फॉर सोशल एडवांसमेंट (एएसए) को 11 लाख डॉलर दिए जाएंगे। उम्मीद है कि ये प्रोजेक्ट 39 एफपीओ और 60,000 से ज़्यादा छोटे किसानों तक पहुंचेंगे।

      जूली गेहरकी, वाइस प्रेसिडेंट एवं चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर, वॉलमार्ट फाउंडेशन ने कहा :

      “बीते वर्षों के दौरान वॉलमार्ट फाउंडेशन ने भारत में अपने सहयोगियों के माध्यम से छोटे किसानों के जीवनस्तर में सुधार करने और उनके जीवनयापन को बेहतर बनाने के लिए बड़े पैमाने पर निवेश किया है। हमने 2018 से इसके लिए 2.5 करोड़ डॉलर से ज़्यादा निवेश किया है। हमें उम्मीद है कि 35 लाख डॉलर के नए अनुदान के साथ ऐक्सेस डेवलपमेंट सर्विसेज़, सृजन और एएसए को अपने प्रयासों को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी और वे स्थायी कृषि मॉडलों के बारे में लोगों को ट्रेनिंग देकर एफपीओ स्थापित करने और उन्हें सशक्त बनाने के अपने प्रयासों को गति दे सकेंगे। इससे एफपीओ ग्रामीण आय को बढ़ाने में मदद कर सकेंगे और सामूहिक शक्ति के दम पर किसानों को बाज़ार का बेहतर ऐक्सेस मिल सकेगा।”

      वॉलमार्ट फाउंडेशन से मिले अनुदान के माध्यम से, ऐक्सेस डेवलपमेंट सर्विसेज़ “उड़ान-फ्लाइट आउट ऑफ पावर्टी” को लागू कर सकेगी जिसका उद्देश्य एफपीओ को सशक्त बनाकर और समावेशी मूल्य श्रृंखला स्थापित कर 12,000 छोटे किसानों की आय में बढ़ोतरी करना है।

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      यह कार्यक्रम मध्य प्रदेश और पश्चिम बंगाल में 20 एफपीओ को क्षमता बढ़ाने में मदद करेगा। इस कार्यक्रम के अंतर्गत, एफपीओ को फसल उत्पादन के बाद के प्रबंधन में काम करने और जलवायु के लिहाज़ से अनुकूल कृषि प्रक्रियाओं को अपनाने के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा।

      इसके अलावा, प्रसंस्करण यूनिट स्थापित करने में मदद करने के साथ-साथ, ऋण, सेवाओं और बाज़ारों तक पहुंच उपलब्ध कराने में सहायता दी जाएगी।

      यह प्रोजेक्ट, महिलाओं के नेतृत्व वाले एफपीओ के साथ-साथ सभी एफपीओ की महिला सदस्यों को मज़बूत बनाकर महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण पर भी ध्यान देता है।

      श्री विपिन शर्मा, सीईओ, ऐक्सेस डेवलपमेंट सर्विसेज़ ने कहा :

      “आम तौर पर एफपीओ निरंतर समर्थन के बिना लंबी अवधि में अपना काम जारी नहीं रख पाते और उड़ान प्रोग्राम के माध्यम से हम सफल और लंबे समय तक काम करने वाले एफपीओ कारोबार का मॉडल स्थापित करना चाहते हैं। वॉलमार्ट फाउंडेशन से मिली मदद के साथ ये एफपीओ, अन्य प्रमोटर्स द्वारा सीखने और अपनाने के लिहाज़ से उत्कृष्टता के केंद्र बनेंगे।”

      वॉलमार्ट फाउंडेशन से मिली आर्थिक मदद के साथ सृजन के कार्यक्रम में 25,000 छोटे और सीमांत किसानों को जोड़ा जाएगा, ताकि उनके उत्पादन में सुधार किया जा सके, उनकी प्रक्रियाओं को संस्थागत बनाया जाए और मध्य प्रदेश के छह जिलों को बाज़ारों से जोड़ा जाए।

      दो वर्षों के इस कार्यक्रम के अंतर्गत, सृजन छिंदवाड़ा, टिकमगढ़, शिवपुरी, अनूपपुर, धार और निवाड़ी जैसे छह जिलों में 12 एफपीओ के साथ काम करेगा, ताकि उत्पादकता बढ़ाई जा सके, फसल को एक जगह जुटाया जा सके और किसानों द्वारा पैदा की गई विभिन्न चीज़ों की मार्केटिंग की जा सके।

      श्री प्रसन्न खेमरिया, सीईओ, सृजन ने कहा :

      “इस प्रोजेक्ट के माध्यम से हम ग्रामीण मध्य प्रदेश के छोटे और सीमांत किसानों द्वारा किए जाने वाले उत्पादन, फसलों को एक जगह जुटाने और उनकी मार्केटिंग के क्षेत्र में आए अंतर को पाटने की दिशा में काम करेंगे और इसके लिए इन किसानों को किसान उत्पादक संगठन में एकजुट किया जाएगा। इसके साथ, हमारा उद्देश्य किसानों और खास तौर पर महिलाओं की आय बढ़ाना, उन्हें सशक्त और आत्मनिर्भर बनाना है।”

      11 लाख डॉलर (8.93 करोड़ रुपये) का अनुदान एएसए (एक्शन फॉर सोशल एडवांसमेंट)  को दिया जाएगा और यह मध्य प्रदेश में अनूपपुर, छतरपुर, मंडला, शहडोल और उमरिया जिलों में जीवनयापन को बेहतर बनाने के उद्देश्य से 7 एफपीओ के विकास के लिए केंद्रित होगा।

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      यह उम्मीद है कि दो वर्षों के इस प्रोजेक्ट के प्रस्तावित प्रयासों के परिणामस्वरूप 25,000 छोटे और सीमांत कृषि परिवारों के जीवनस्तर को बेहतर बनाया जा सकेगा और इसके लिए स्थायी कृषि उत्पादन प्रणाली का विकास किया जाएगा और कृषि मूल्य श्रृंखला का आधुनिकीकरण किया जाएगा।

      श्री आशिष मंडल, डायरेक्टर, एएसए ने कहा :

      “हमें इस नेक प्रयास को लेकर वॉलमार्ट फाउंडेशन और अन्य प्रतिष्ठित संगठनों के साथ मिलकर काम करने की खुशी है और हमें भरोसा है कि इस प्रोजेक्ट का छोटे किसानों के जीवन पर सकारात्मक असर होगा और इसके साथ ही प्राकृतिक संसाधनों को नए सिरे से बढ़ावा देने और इस क्षेत्र की जैव विविधता का संरक्षण करने में भी यह प्रोजेक्ट मददगार साबित होगा।”

      वर्ष 2018 में वॉलमार्ट फाउंडेशन ने भारत में छोटे किसानों की मदद करने के लिए पांच वर्षों की अवधि में 2.5 करोड़ डॉलर निवेश करने की प्रतिबद्धता जताई थी, ताकि ऐसे किसानों की आय बढ़ाई जा सके और उनके जीवनस्तर में सुधार किया जा सके।

      वॉलमार्ट फाउंडेशन को उम्मीद है कि ऐक्सेस डेवलपमेंट सर्विसेज़, सृजन और एएसए को अतिरिक्त आर्थिक अनुदान के माध्यम से अपना समर्थन देकर वह एफपीओ ईकोसिस्टम को मज़बूती देने और छोटे किसानों के जीवन में बदलाव लाने में अपना योगदान दे सकेगा।

      SRIJAN के बारे में

      सृजन (संयुक्त कार्रवाई के माध्यम से आत्मनिर्भर पहल) 2000 में स्थापित एक सार्वजनिक धर्मार्थ ट्रस्ट है। यह भारत की प्रमुख जमीनी कार्यान्वयन एजेंसियों में से एक है। सृजन छोटे और सीमांत किसान परिवारों, महिलाओं और समाज के अन्य गरीब वर्गों के साथ 15 से अधिक आजीविका विषयों में ग्रामीण भारत के सबसे गरीब गरीब इलाकों में काम करता है।

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      प्रत्यक्ष कार्यान्वयन के अलावा, सृजन ने विभिन्न कार्यक्रमों के लिए तकनीकी सहायता एजेंसी के रूप में भी काम किया है। तेलंगाना और महाराष्ट्र में, SRIJAN ने आजीविका विकल्पों के रूप में SHGs और इसके संघों के साथ NTFP मूल्य श्रृंखला को मजबूत करने के लिए राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के साथ काम किया है। यूपी में, SRIJAN ने SHG और क्लस्टर लेवल फेडरेशन के समुदाय-नेतृत्व वाले संस्थानों के मॉडल को मजबूत करने के लिए UPSRLM के साथ काम किया।

      सृजन ने आईसीसीओ के समर्थन से मुख्यधारा के वित्तीय संस्थानों के साथ जोड़कर असम में एफपीओ तक वित्त पहुंच को सक्षम करने के लिए एक तकनीकी सहायता एजेंसी के रूप में भी काम किया।

      ASA के बारे में

      एक्शन फॉर सोशल एडवांसमेंट (एएसए), जिसकी स्थापना 1996 में विकास पेशेवरों के एक समूह द्वारा की गई थी, जिनके पास मध्य भारत के आदिवासी समुदाय के साथ समुदाय आधारित प्राकृतिक संसाधनों के विकास में काम करने का काफी अनुभव है, कृषि आधारित आजीविका को बढ़ावा देने के लिए एक प्रमुख क्षेत्र कार्यान्वयन संगठन के रूप में उभरा है। छोटे और सीमांत किसानों की।

      इसके संचालन में भूमि और जल संसाधनों का विकास, लघु सिंचाई, टिकाऊ कृषि, कृषि-वानिकी, छोटे किसानों का बाजार एकीकरण और सामुदायिक संस्थानों का निर्माण शामिल है।

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