More
    33.1 C
    Delhi
    Friday, May 3, 2024
    More

      दुर्गा अष्टमी 2023 | जानिए पूरी जानकारी | 2YoDo विशेष

      चैत्र नवरात्रि के आठवें दिन दुर्गा माता के महागौरी स्वरुप का पूजन करने का विधान है। हिंदू धर्म में चैत्र नवरात्रि को विशेष स्थान दिया गया है और इसके सभी दिनों में माता के स्वरूपों का पूजन किया जाता है। इनमें से चैत्र नवरात्रि के आठवें दिन को महाअष्टमी कहा जाता है। महा अष्टमी को चैत्र नवरात्रि के सबसे शुभ दिनों में से एक माना जाता है।

      इस साल चैत्र नवरात्रि में अष्ठमी तिथि 29 मार्च को पड़ेगी और इस दिन मां दुर्गा के आठवें अवतार देवी महागौरी की पूजा की जाएगी। माता गौरी की पूजा का विशेष महत्व है। 

      चैत्र नवरात्रि अष्टमी तिथि का शुभ मुहूर्त 

      इस बार चैत्र नवरात्रि की अष्टमी तिथि 29 मार्च, बुधवार को पड़ेगी। इस दिन माता के अष्टम रूप देवी महागौरी की पूजा की जाती है।

      चैत्र शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि आरंभ – 28 मार्च , सायं 07.02 मिनट से

      चैत्र शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि समापन -29 मार्च 2023, रात 09.07 मिनट पर

      उदया तिथि की मानें तो दुर्गा अष्टमी का उपवास 29 मार्च, को रखा जाएगा और इस दिन दो बहुत शुभ शोभन योग और रवि योग का संयोग भी हो रहा है जो भक्तों के जीवन में सकारात्मक प्रभाव लाएगा।

      शोभन योग- 28 मार्च, रात्रि 11:36 से 29 मार्च, प्रात: 12:13 तक

      रवि योग- 29 मार्च, रात्रि 08:07 से 30 मार्च, प्रातः 06:14 तक

      ALSO READ  कार्तिक पूर्णिमा आज | जानिए पूरी जानकारी | 2YoDo विशेष
      चैत्र नवरात्रि की अष्टमी के दिन महागौरी माता की पूजा विधि 

      चैत्र नवरात्रि के दिन माता के आठवें स्वरूप की पूजा की जाती है जिन्हें महागौरी के नाम से जाना जाता है। यदि आप विधि-विधान से पूजन करती हैं तो समस्त मनोकामनाओं को पूर्ति होती है। मुख्य रूप से शादीशुदा महिलाओं के मलिए माता गौरी का पूजन विशेष रूप से फलदायी होता है और जीवन में सौभाग्य के संकेत देता है।

      • इस दिन पूजन करने के लिए प्रातः जल्दी उठें और साफ़ वस्त्र धारण करें।
      • माता महागौरी की तस्वीर किसी चौकी पर स्थापित करें और माता को सिंदूर लगाएं।
      • महागौरी माता को सुहाग की सामग्री अर्पित करें और लाल फूल चढ़ाएं।
      • माता गौरी का ध्यान करते हुए उनके मंत्र ओम देवी महागौर्यै नम: का जाप करें।
      अष्टमी के दिन भी होता है कन्या पूजन 

      कई लोग चैत्र अष्टमी के दिन अपनी कुलदेवी की पूजा करते हैं, वहीँ यदि इस दिन माता महागौरी का पूजन पूरे विधि-विधान से किया जाता है और उन्हें श्रृंगार की सामग्री चढ़ाई जाती है तो बहुत ह लाभदायक हो सकता है।

      कई जगह इस दिन कन्या पूजन का विधान भी होता है। यदि आपके घर में कन्या पूजन अष्टमी तिथि के दिन ही होता है तो विधि-विधान से इस दिन कन्या पूजन करें और उन्हें भोजन कराएं। साथ ही, कन्याओं को उनकी पसंद के उपहार भी दें।

      यदि आप इस दिन कन्या पूजन करती हैं तो इसी दिन व्रत का पारण भी करें। हालांकि यदि आप घरों में कलश की स्थापना करती हैं तो इस दिन इसका विसर्जन न करें बल्कि कलश विसर्जन हमेशा दशमी के दिन ही करें।

      ALSO READ  ग्रह दोष से मुक्ति और आर्थिक उन्नति के लिए होली के रंगों से करें ये खास उपाय | 2YoDo विशेष
      चैत्र नवरात्रि अष्टमी का महत्व 

      ऐसी मान्यता है कि जो भक्त चैत्र नवरात्रि की अष्टमी तिथि के दिन माता गौरी का पूजन श्रद्धा भाव से करता है और माता की उनकी पसंद अनुसार भोग अर्पित करता है उसकी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। यही नहीं इस दिन सुहागिन स्त्रियां अखंड सौभाग्य की कामना में यदि श्रृंगार की सामग्री माता को अर्पित करती हैं तो इससे भी शुभ फल मिलते हैं। माता महागौरी मां के 9 रूपों और 10 महाविद्या सभी आदिशक्ति के अंश और स्वरूप हैं।

      चूंकि भगवान शिव की अर्धांगिनी के रूप में महागौरी का पूजन होता है, इसलिए इस दिन श्रद्धा से पूजन करने से महादेव की भी विशेष कृपा दृष्टि प्राप्त होती है। दुर्गा सप्तशती के अनुसार, शुंभ निशुंभ से पराजित होने के बाद देवताओं ने गंगा नदी के तट पर देवी महागौरी से ही अपनी सुरक्षा की प्रार्थना की थी। ऐसी मान्यता है कि मां के इस रूप के पूजन से शारीरिक क्षमता का विकास होने के साथ मानसिक शांति भी मिलती है।

      महागौरी का पूजन उनके भक्तों के लिए विशेष रूप से फलदायी माना जाता है और इनके पूजन से शुभ फलों की प्राप्ति होती है।

      Related Articles

      1 COMMENT

      LEAVE A REPLY

      Please enter your comment!
      Please enter your name here

      Stay Connected

      18,758FansLike
      80FollowersFollow
      720SubscribersSubscribe
      - Advertisement -

      Latest Articles