नमस्कार मित्रों,
हिन्दी लिखने वाले अक़्सर ‘ई’ और ‘यी’ में, ‘ए’ और ‘ये’ में और ‘एँ’ और ‘यें’ में जाने-अनजाने गड़बड़ करते हैं।
कहाँ क्या इस्तेमाल होगा, इसका ठीक-ठीक ज्ञान होना चाहिए।
जिन शब्दों के अन्त में ‘ई’ आता है वे संज्ञाएँ होती हैं क्रियाएँ नहीं,
जैसे : मिठाई, मलाई, सिंचाई, ढिठाई, बुनाई, सिलाई, कढ़ाई, निराई, गुणाई, लुगाई, लगाई-बुझाई।
इसलिए ‘तुमने मुझे पिक्चर दिखाई’ में ‘दिखाई’ ग़लत है इसकी जगह ‘दिखायी’ का प्रयोग किया जाना चाहिए।
इसी तरह कई लोग ‘नयी’ को ‘नई’ लिखते हैं।
‘नई’ ग़लत है , सही शब्द ‘नयी’ है… मूल शब्द ‘नया’ है , उससे ‘नयी’ बनेगा।
क्या तुमने क्वेश्चन-पेपर से आंसरशीट मिलायी?
( ‘मिलाई’ ग़लत है…।)
आज उसने मेरी मम्मी से मिलने की इच्छा जतायी।
( ‘जताई’ ग़लत है…।)
उसने बर्थडे-गिफ़्ट के रूप में नयी साड़ी पायी। (‘पाई’ ग़लत है।)
अब आइए ‘ए’ और ‘ये’ के प्रयोग पर।
- बच्चों ने प्रतियोगिता के दौरान सुन्दर चित्र बनाये। ( ‘बनाए’ नहीं। )
- लोगों ने नेताओं के सामने अपने-अपने दुखड़े गाये। ( ‘गाए’ नहीं। )
- दीवाली के दिन लखनऊ में लोगों ने अपने-अपने घर सजाये। ( ‘सजाए’ नहीं। )
तो फिर प्रश्न उठता है कि ‘ए’ का प्रयोग कहाँ होगा?
‘ए’ वहाँ आएगा जहाँ अनुरोध या रिक्वेस्ट की बात होगी।
- अब आप काम देखिए, मैं चलता हूँ। ( ‘देखिये’ नहीं…। )
- आप लोग अपनी-अपनी ज़िम्मेदारी के विषय में सोचिए। ( ‘सोचिये’ नहीं। )
- ऐसा विचार मन में न लाइए। ( ‘लाइये’ ग़लत है। )
अब आख़िर (अन्त) में ‘यें’ और ‘एँ’ की बात
यहाँ भी अनुरोध का नियम ही लागू होगा
रिक्वेस्ट की जाएगी तो ‘एँ’ लगेगा , ‘यें’ नहीं।
- आप लोग कृपया यहाँ आएँ। ( ‘आयें’ नहीं। )
- जी बताएँ , मैं आपके लिए क्या करूँ ? ( ‘बतायें’ नहीं। )
- मम्मी , आप डैडी को समझाएँ। ( ‘समझायें’ नहीं। )
अन्त में सही-ग़लत का एक टेस्ट एकदम आसान सा
जहाँ आपने ‘एँ’ या ‘ए’ लगाया है , वहाँ ‘या’ लगाकर देखें।
क्या कोई शब्द बनता है ? यदि नहीं , तो आप ग़लत लिख रहे हैं।
आजकल लोग ‘शुभकामनायें’ लिखते हैं इसे ‘शुभकामनाया’ कर दीजिए।
‘शुभकामनाया’ तो कुछ होता नहीं , इसलिए ‘शुभकामनायें’ भी नहीं होगा।
‘दुआयें’ भी इसलिए ग़लत है और ‘सदायें’ भी ‘देखिये’ , ‘बोलिये’ , ‘सोचिये’ इसीलिए ग़लत हैं क्योंकि ‘देखिया’ , ‘बोलिया’ , ‘सोचिया’ कुछ नहीं होते।
Shaandaar
mitra