More
    30.1 C
    Delhi
    Saturday, May 4, 2024
    More

      || ससुराल जाते समय ||

      || ससुराल जाते समय बहन से ||

      बहना हो तुम मेरी प्यारी सी हसीं बहना,
      मेरे बाद तुम ही मेरे पीहर का गहना ।

      खुशहाल रहो मेरी तो बस है इक यही दुआ,
      कोई गम या मुश्किल भी तुमको पड़े ना सहना ।

      रूखी सुखी जो मिले खाना और पानी पी लेना,
      बात अपने घर की कभी बाहर नहीं कहना ।

      बाबुल के चिथड़े मखमल समझ के पहनना तुम,
      खुश रहना सदा चाहे जिस हाल पड़े रहना

      आन बाबुल के घर की रखना जान से बढ़कर,
      कुछ भी हो किसी बात का मत देना उलहना।


      || ससुराल जाते समय सखियों से ||

      बात सुनो मेरी सखियों तुम प्यारी सहेली मेरी,
      गीत थीं मेरा तुम ही,थी तुम ही पहेली मेरी ।

      देखना बाबुल की आँख कहीं छलक ना जाये,
      फले फूले मेरा पीहर और दमके हवेली मेरी ।

      मेंहदी भी रचाओगी सावन के महीने में तुम,
      हाथ तुम्हारा देखके बाबुल मान ले हथेली मेरी ।

      मेरे भाई बहनों को धीरज बंधाना तुम जरूर,
      महकेगी अमराई सब जब महकेगी चमेली मेरी ।

      करके जतन तुम सब जल्दी भाभी ढूंढो,
      कमी न अखरेगी आने से भाभी नवेली ,मेरी ।

      लेखिका
      श्रीमती प्रभा पांडेय जी
      ” पुरनम “

      READ MORE POETRY BY PRABHA JI CLICK HERE

      DOWNLOAD OUR APP CLICK HERE

      ALSO READ  || दिन ये भी आएंगे ||

      Related Articles

      LEAVE A REPLY

      Please enter your comment!
      Please enter your name here

      Stay Connected

      18,760FansLike
      80FollowersFollow
      720SubscribersSubscribe
      - Advertisement -

      Latest Articles