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      कुंडली में व्यक्ति के राक्षस गण बताते हैं उसका आचरण | जानिए पूरी जानकारी | 2YoDo विशेष

      ज्योतिष शास्त्र में व्यक्ति के 3 गणों के बारे में गणना की गई है। कुंडली में व्यक्ति के ये गण उसके स्वभाव, खासियत और अवगुणों की गणना करते हैं। ये 3 गण होते हैं देव, मानव और राक्षस गण।

      कुंडली में व्यक्ति के राक्षस गण बताते हैं उसका आचरण, इन लोगों में छिपी होती हैं कई खासियतें। 

      कुंडली के गण

      ज्योतिष शास्त्र में व्यक्ति के 3 गणों के बारे में गणना की गई है। कुंडली में व्यक्ति के ये गण उसके स्वभाव, खासियत और अवगुणों की गणना करते हैं। ये 3 गण होते हैं देव, मानव और राक्षस गण। आमतौर पर राक्षस गण नाम सुनते ही लोगों के दिमाग में राक्षस जैसी छवि आ जाती है। राक्षस गण वाले लोगों को लेकर बुरी राय बन जाती है। लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है। बता दें कि तीन गणों में देव गण को सर्वश्रेष्ठ माना गया है। लेकिन तीनों गणों की अपनी खासियत होती है।

      देव गण: ज्योतिषीयों के अनुसार देव गण के लोगों को सर्वश्रेष्ठ माना गया है। देव गण के लोगों में कापी गुण देवताओं वाले होते हैं। ये लोग अच्‍छा आचरण करने वाले, ईमानदार, चरित्रवान, संस्‍कारी, कोमल हृदय,दयालु, बुद्धिमान और बहुत ही सकारात्‍मक सोच वाले होते हैं। ये लोग धर्म पर बहुत ध्यान देते हैं साथ ही दान में भी विश्वास करते हैं। दूसरों की मदद के लिए भी ये लोग हमेशा आगे रहते हैं।

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      मानव गण: ज्योतिष शास्त्र में मानव गण के लोगों को लेकर कहा जाता है कि ये लोग कर्मठ होते हैं। अपनी मेहनत के दम प र आगे बढ़ते हैं और खूब पैसा कमाते हैं। जीवन में सम्‍मान पाते हैं. ये लोग काफी संभलकर चलते हैं।

      राक्षस गण: राक्षस गण के लोगों अच्छथे खासे नकारात्‍मक होते हैं। लेकिन कोशिशकरने पर ये खुद को सकारात्‍मक कर सकते हैं। राक्षस गण के लोगों में एक खासियत होती है कि ये लोग नकारात्मक चीजों, घटनाओं को जल्दी से भांप जाते हैं। निडर और साहसी के कारण ये हर स्थिति का डटकर मुकाबला करते हैं। ये लोग साफ और कड़वा बोलते हैं। 

      देव और राक्षस गणों को आपस में विवाह नहीं करना चाहिए। क्‍योंकि इन दोनों के स्‍वभाव अच्छा खासा अंतर होता है। जिस कारण इनकी जम नहीं पाती। देव गण के जातकों के लिए मनुष्‍य गण का लाइफ पार्टनर उत्तम रहता है। वहीं मनुष्य गण के जातक देव और राक्षस दोनों से विवाह कर सकते हैं।

      डरा नहीं सकता कोई

      राक्षस गण वाले व्यक्तियों में एक नैसर्गिक गुण होता है। यदि उनके आस पास कोई नकारात्मक शक्ति होती हैं तो उन्हें उसका तुरंत ही अहसास हो जाता है। यही नहीं कई बार तो इनको ये शक्तियां दिखाई भी दे जाती है, लेकिन फिर भी ये शक्तियां इनका कुछ नहीं बिगाड़ पाती। इस गण वाले लोग उनसे जल्द ही भयभीत नहीं होते। राक्षस गण वाले साहसी होते हैं और किसी भी विपरीत परिस्थिति से नहीं घबराते।

      इन नक्षत्रों वाले होते हैं राक्षस गण के

      कृतिका, अश्लेषा, मघा, चित्रा, विशाखा, ज्येष्ठा, मूल, धनिष्ठा और शतभिषा नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोग राक्षस गण के होते हैं।

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      कम खाने वाले होते हैं देव गण वाले

      देव गण वाले व्यक्ति बुद्घिमान, कोमल हृदय, कम खाने वाले और दानी होते हैं। ऐसे व्यक्ति अपने से पहले दूसरों की भलाई के बारे में सोचते हैं।

      समाज में सम्मान पाते है मनुष्य गण वाले

      मनुष्य गण वाले लोग धनवान तो होते ही हैं, साथ ही धनुर्विद्या में ज्ञाता भी होते हैं। ये लोग समाज में काफी सम्मान हासिल करते हैं।

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