मनुष्य अपने जीवन में सुकून से दो वक्त की रोटी खा पाए इसके लिए सुबह से लेकर रात तक वह जी तोड़ मेहनत करता है। लेकिन जिम्मेदारी के चक्कर में कई बार खाना खाते समय ऐसी गलतियां हो जाती हैं, जिनका खामियाजा व्यक्ति को भुगतना पड़ता है। धार्मिक शास्त्रों के अनुसार खाना खाने के कुछ नियम हैं।
हिंदू धार्मिक शास्त्रों में कई ऐसे कामों का वर्णन है जिन्हें किसी विशेष दिन या विशेष समय में करना वर्जित बताया गया। मान्यता है कि ऐसा करने से मनुष्य के जीवन पर नकारात्मक प्रभाव देखने को मिलता है।
जैसे गुरुवार के दिन बाल ना धोना ना और ना काटना, मंगलवार, शनिवार के दिन नाखून नहीं काटना चाहिए, शाम के समय नहीं सोना चाहिए ऐसे कई नियम हैं।
ऐसे ही खाने को लेकर भी धार्मिक शास्त्रों में कुछ नियम बताए गए हैं।
सबसे पहले करें भोजन मंत्र का उच्चारण
धार्मिक शास्त्रों के अनुसार व्यक्ति जब भी खाना खाता है, उसे सबसे पहले भोजन मंत्र का उच्चारण करना चाहिए।
मान्यताओं के अनुसार भोजन ग्रहण करने के पहले मंत्र का उच्चारण करने से भोजन हमारे शरीर में लगता है।
हम मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ रहते हैं।
इसलिए जब भी भोजन करें ईश्वर को धन्यवाद करना ना भूलें और मंत्र का उच्चारण करके ही भोजन करें।
जमीन पर बैठकर करें भोजन
शास्त्रों के अनुसार मनुष्य को जमीन पर बैठकर ही भोजन करना चाहिए।
ऐसा करने से पृथ्वी की सकारात्मक तरंगें पैरों के माध्यम से हमारे शरीर में प्रवेश करती हैं।
भोजन करते समय मनुष्य सकारात्मक रहता है तो उसके शरीर पर भी इसका अनुकूल प्रभाव देखने को मिलता है।
एक साथ 3 रोटियां नहीं लेनी चाहिए
शास्त्रों के अनुसार जब भी खाना खाएं थाली में एक साथ 3 रोटियां ना परोसें। हिंदू धर्म में पूजा पाठ या कोई भी शुभ कार्य के दौरान 3 नंबर को अशुभ माना जाता है।
भोजन करने की गिनती शुभ कामों में की जाती है।
जिसका सीधा संबंध हमारी सेहत से होता है।
इसलिए भोजन करते समय थाली में एक साथ तीन रोटियां नहीं रखना चाहिए।
भोजन की थाली में खाना नहीं छोड़ना चाहिए
शास्त्रों के अनुसार इस बात का विशेष ध्यान रखें कि जितनी आवश्यकता है उतना ही भोजन लें।
अधिक भोजन लेकर थाली में छोड़ने और उसे कूड़े में फेंकने से माता अन्नपूर्णा नाराज होती हैं।
इसके अलावा अन्न का अनादर भी होता है।
भोजन की थाली में कभी हाथ ना धोएं
धार्मिक शास्त्रों के अनुसार खाना खाने के बाद भोजन की थाली में कभी भी हाथ नहीं धोना चाहिए।
ऐसा करने से माता लक्ष्मी और माता अन्नपूर्णा नाराज होती हैं।
जिसके प्रतिकूल प्रभाव से मनुष्य को धन हानि होने लगती है।