गणेश चतुर्थी व्रत हर साल की तरह इस साल भी भाद्र मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाई जाएगी। इस चतुर्थी को सिद्धि विनायक व्रत के नाम से भी जाना जाता है। देश के कई भागों में इस दिन गणेशजी की प्रतिमा को बैठकर लोग इनकी श्रद्धा भाव से पूजा करते हैं। इस वर्ष 31 अगस्त दिन बुधवार के दिन भाद्र शुक्ल चतुर्थी तिथि है। बुधवार के दिन गणेश चतुर्थी का होना इस व्रत के महत्व को और भी कई गुणा बढा रहा है क्योंकि गणेशजी स्वयं बुधवार के देवता हैं।
गणेश चतुर्थी का शुभ मुहूर्त
गणेश चतुर्थी यानी भाद्र शुक्ल चतुर्थी तिथि का आरंभ 30th अगस्त को दोपहर 3 बजकर 34 मिनट पर होगा। जबकि भाद्र शुक्ल चतुर्थी तिथि का समापन 31st अगस्त को दोपहर 3 बजकर 23 मिनट पर होगा।
गणेश चतुर्थी पूजा विधि
- इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें।
- स्नान करने के बाद घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।
- इस दिन गणेश जी की प्रतिमा की स्थापना की जाती है।
- गणपित भगवान का गंगा जल से अभिषेक करें।
- गणपति की प्रतिमा की स्थापना करें।
- संभव हो तो इस दिन व्रत भी रखें।
- भगवान गणेश को पुष्प अर्पित करें।
- भगवान गणेश को दूर्वा घास भी अर्पित करें।
- धार्मिक मान्यताओं के अनुसार दूर्वा घास चढ़ाने से भगवान गणेश प्रसन्न होते हैं।
- भगवान गणेश को सिंदूर लगाएं।
- भगवान गणेश का ध्यान करें।
- गणेश जी को भोग भी लगाएं। आप गणेश जी को मोदक या लड्डूओं का भोग भी लगा सकते हैं।
- भगवान गणेश की आरती जरूर करें।
गणेश चतुर्थी शुभ योग
इस साल गणेश चतुर्थी पर विघ्नहर्ता गणेशजी अपने साथ शुभ रवि योग भी लेकर आ रहे हैं। इस योग के बारे में कहा जाता है कि इस योग में सभी अशुभ योगों के प्रभाव को नष्ट करने की क्षमता होती है। यानी विघ्नहर्ता गणेशजी तमाम विघ्नों को दूर करके भक्तों का मंगल करने आ रहे हैं।
गणेश चतुर्थी यानी भाद्र शुक्ल चतुर्थी तिथि का धार्मिक दृष्टि से विशेष महत्व होने की वजह यह है कि इसी दिन मंगलमूर्ति, विघ्नहर्ता, गजानन गणेशजी का जन्म दोपहर के समय हुआ था। इसलिए गणेश चतुर्थी को गणेश जन्मोत्सव के रूप में भी मनाया जाता है।
गणेश चतुर्थी के दिन गणेशजी की मूर्ति की स्थापना करके कई भक्त 10 दिनों तक इनकी पूजा करते हैं जबकि कुछ भक्त एक दिन, तीन दिन, सात दिन, के लिए भी गणेश प्रतिमा को बैठाते हैं। कहते हैं कि गणेश चतुर्थी के दिन गणेशजी की प्रतिमा को घर में बैठाकर इनकी श्रद्धा भाव से जो लोग पूजा करते हैं उनके तमाम संकट गणेशजी हर लेते हैं।
गणेशजी को लगाएं इन वस्तुओं का भोग
गणेशजी की पूजा में मोदक का भोग लगाना सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। इसके अलावा मोतीचूर के लड्डू और बेसन के लड्डू भी बप्पा को बेहद प्रिय माने जाते हैं। गणेश उत्सव के पांचवें और छठे दिन खीर का भोग लगाना अच्छा माना जाता है। गणेशजी को मखाने की खीर का भोग लगाया जाता है।