कोरोना काल के चलते पूरे देश में ट्रेनों की आवाजाही को बंद कर दिया था। रेलवे के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ था जब पुरे देश में रेलगाड़ियां नहीं चली थी। कोरोना महामारी के कम होने के बाद रेल का संचालन फिर शुरू हो पाया लेकिन अब एक बार फिर पूरे देश में ट्रेने बंद होने वाली है।
दरअसल, 31 मई 2022 को पूरे भारत में ट्रेनों के पहिए थम जाएंगे।
क्योंकि रेलवे के सभी स्टेशन मास्टरों (Station Master) ने सामूहिम अवकाश पर जाने का निर्णय लिया है।
स्टेशन मास्टरों (Station Master) की मांग है कि उनके संवर्ग में खाली पदों को जल्द भरा जाए।
स्टेशन मास्टरों (Station Master) को अभी 8 घंटे की जगह 12 घंटे नौकरी पर रहना पड़ता है।
ट्रेन संचालन से जुड़े स्टेशन मास्टर, स्टेशन अधीक्षक और ट्रैफिक इंचार्ज सामूहिक हड़ताल पर रहेंगे।
हड़ताल करने का फैसला आल इंडिया स्टेशन मास्टर्स एसोसिएशन ने किया है।
वहीं रेलवे ने हड़ताल को लेकर नियमों की अनुपालना के तहत पत्र जारी किया है।
संबंधित विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि अगर कोई विशेष जरूरत हो तो ही रेलवे कर्मचारी को 31 मई का आक्समिक अवकाश दें।
आल इंडिया स्टेशन मास्टर एसोसिएशन मंडलीय सचिव अशोक मीणा ने बताया कि स्टेशन मास्टर की समस्याओं के समाधान के लिए 31 मई 2022 को एक दिन पूरे भारतवर्ष में हड़ताल करने का ऐलान किया गया है।
समस्याओं को दूर करने के लिए रेल प्रशासन को कई बार अवगत कराया गया।
रेलवे द्वारा कर्मचारी हितों की लगातार अनदेखी की जा रही है।
इसलिए आल इंडिया स्टेशन मास्टर एसोसिएशन ने अपनी मांगों को लेकर बड़ा आंदोलन करने का निर्णय लिया है।
एसोसिएशन के मंडलीय सचिव ने बताया कि पुरानी पेंशन को बहाल करने, नाइट शिफ्ट अलाउंस, नाइट ड्यूटी भत्ते की सीलिग लिमिट 43,600 से हटाई जाए।
कर्मचारियों से रिकवरी का आदेश भी वापस लिया जाए।
इसके साथ यह भी मांग की गई कि रेलवे मास्टरों के खाली पड़े पदों को भरा जाए और सभी को सुरक्षा और तनाव भत्ता दिया जाए।
इन मांगों को लेकर स्टेशन मास्टर मोर्चा खोलेंगे।
ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है।
इससे पहले भी अपनी समस्याओं के निस्तारण के लिए आंदोलन किया गया व ज्ञापन दिए गए और रेल अधिकारियों से भी मिले।
लेकिन कोई हल नहीं निकला।
रेलवे बोर्ड को दिया नोटिस
देश के करीब 35 हजार स्टेशन मास्टरों (Station Master) ने रेलवे की उदासीनता के चलते रेलवे बोर्ड को एक नोटिस दिया है।
जिसमें उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर हमारी मांगे नहीं मानी गई तो 31 मई 2022 को हम हड़ताल पर जाएंगे।
ऑल इंडिया स्टेशन मास्टर्स एसोसिएशन (India Station Masters Association) के अध्यक्ष धनंजय चंद्रात्रे ने कहा है कि हमारे पास सामूहिक अवकाश पर जाने के अलावा कोई चारा नहीं है।
देशभर में इस वक्त करीब 6 हजार स्टेशन मास्टरेां (Station Master) की कमी है।
लेकिन रेलवे इन पदों पर भर्ती नहीं कर रहा है।
स्टेशन मास्टरों (Station Master) की शिफ्ट आठ घंटे की होती है, लेकिन स्टाफ की कमी के चलते हमे 12 घंटे की शिफ्ट करनी पड़ रही है।
इसके अलावा जिस दिन स्टेशन मास्टर का अवकास होता है।
उस दिन हमे दूसरे स्टेशन से कर्मचारी को बुलाना पड़ता है।
क्या है स्टेशन मास्टरों की मांग
ऑल इंडिया स्टेशन मास्टर्स एसोसिएशन (India Station Masters Association) के अध्यक्ष धनंजय चंद्रात्रे के अनुसार स्टेशन मास्टरों (Station Master) की मांग है कि हमारे द्वारा रेलवे बोर्ड के सीईओ को एक सूची भेजी गई है।
- सूची में रेलवे के खाली पदों को जल्द भरा जाए।
- रेल कर्मचारियों को रात्रि ड्यूटी भत्ता दिया जाए।
- एमएसीपी का लाभ 16.02.2018 के बजाय 01.01.2016 से प्रदान किया जाए।
- स्टेशन मास्टरों (Station Master) को सुरक्षा और तनाव दिया जाए।
- रेलवे का निजीकरण को रोका जाएं।
- साथ ही नई पेंशन स्कीम को बंद करके पुरानी पेंशन स्कीम को शुरू किया जाए।
झांसी मंडल में तैनात हैं 600 कर्मचारी
झांसी रेल मंडल में लगभग 600 स्टेशन मास्टर, स्टेशन अधीक्षक और ट्रैफिक इंचार्ज हैं।
250 कर्मचारियों के अवकाश की अर्जी एसोसिएशन के पास आ गई है।
एक दो दिन में अन्य की भी अवकाश अर्जी प्राप्त हो जाएगी।
वहीं मंडलीय सचिव ने यात्रियों से भी अनुरोध किया है कि यदि 31 मई 2022 को यात्रा कर रहे हैं तो कृपया अपनी यात्रा उनके आंदोलन को देखते हुए प्लान करें।
मंडल सचिव ने कहा इससे पहले भी उनका संगठन 11 अगस्त 1997 को पूरे भारत में 2 मिनट के लिए सिग्नल पर ट्रेन को रोकने का काम कर चुके है।
इसका बहुत बड़ा असर पूरी भारतीय रेल पर पड़ा था।
ऑल इंडिया स्टेशन मास्टर्स एसोसिएशन की प्रेस नोट
रेलवे का ब्रांड एंबेसडर (रेलवे का प्रथम व्यक्ति) आखिरकार क्यों हुआ मजबूर 1
दिन का सामूहिक अवकाश लेने के लिए संपूर्ण भारतवर्ष के स्टेशन मास्टर 31 मई को सामूहिक अवकाश में क्यों ?
संपादक महोदय,
ऑल इंडिया स्टेशन मास्टर एसोसिएशन ने स्टेशन मास्टर की समस्याएं समाधान के लिए 31 मई 2022 को एक दिन पूरे भारतवर्ष में छुट्टी लेने का ऐलान किया है
एक मात्र हमारा ही संगठन ऐसा है जो किसी समस्या को सिस्टम के साथ लिस्टमेंटॉक लड़ता है।
संपूर्ण भारत वर्ष के 35000 स्टेशन मास्टर निम्न मांगों को लेकर के 7 अक्टूबर 2020 से संघर्षरत है।
अखिल भारतीय स्टेशन मास्टर्स एसोसिएशन के महासचिव ने रेलवे नार्ड (सीईओ) के अध्यक्ष को पांच सूत्रीय मांगों के साथ एक हड़ताल नोटिस दिया है।
एसोसिएशन की हड़ताल की निम्न प्रकार है जिनके लिए एसोसिएशन 2020 से लगातार वैधानिक तरीकों से लड़ रही है
- रेलवे में सभी रिक्तियों को शीघ्र भरा जाए।
- सभी रेल कर्मचारियों को बिना किसी अधिकतम सीमा के रात्रि ड्यूटी भत्ता बहाल करना।
- स्टेशन मास्टरों के वर्ग में एमएसीपी का लाभ 16.02.2018 के बजाय 01.01.2016 से प्रदान करें।
- संशोधित पदनामों के साथ संगों का पुनर्गठन करना।
- ट्रेनों के सुरक्षित और समग पर चलने में उनके योगदान के लिए स्टेशन मास्टरों को सुरक्षा और तमाच भत्ता देना।
- रेलवे का निजीकिरण एवं निगमीकरण रोका जाए।
- न्यू पेंशन स्कीम बंद करके पुरानी पेंशन स्कीम लागू की जाए।
उपरोक्त मांगे स्टेशन मास्टरों के अलावा अन्य सवगी और रेलवे कर्मचारियों से भी सम्बंधित है और कर्मचारियों की भावनाओं को छूती हैं।
स्टेशन मास्टर एसोसिएशन में यह निर्णय लंबे संघर्ष के बाद लिया है जब प्रशासन के द्वारा हमारी मांगों को नहीं माना गया इसके लिए स्टेशन मास्टर एसोसिएशन ने अब तक अपनाई गई वैधानिक तरीके 7 चरण निम्न निम्न है।
- प्रथम चरण में एम्मा के पदाधिकारी द्वारा रेलवे बोर्ड के अधिकारियों को ई-मेल भेजकर के विशेष जताया गया।
- दूसरे चरण में पूरे भारतवर्ष के स्टेशन मास्टरों ने 15 अक्टूबर को रात्रि ड्यूटी शिफ्ट में स्टेशन पर मोमबती जलाकर के विरोध प्रदर्शन किया गया।
- तीसरे चरण का विरोध प्रदर्शन ट्रेन संचालन को सुचारू रूप से रखते हुए 20 अक्टूबर से 26 अक्टूबर तक ] सप्ताह तक काला वेज लगा कर के ट्रेन संचालन किया गया।
- चौथे चरण का विरोध प्रदर्शन ट्रेन संचालन को सुचारू रूप से रखते हुए 31 अक्टूबर को पूरे भारतवर्ष के स्टेशन मास्टर एक दिवस हड़ताल पर रहे।
- पांच चरण में भारतवर्ष के 35000 स्टेशन मास्टर ऑन ड्यूटी एवं ऑफ ड्यूटी प्रत्येक मंडल कार्यालय के सामने ट्रेन संचालन को सुचारू रूप से रखते हुए धरना प्रदर्शन किया।
- छठवें चरण में सभी संसदीय क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों को ज्ञापन सौंपा गया एवं रेल मंत्री महोदय को ज्ञापन सौंपा गया।
- सातव चरण रेल राज्यमंत्री महोदय से मुलाकात करके समस्याओं से अवगत करवाया।
अभी तक स्टेशन मास्टरों की सभी डिमांड पेंदिन में है नाइट ड्यूटी सीलिंग लिमिट के आदेश डीओपीटी से स्वीकृत होकर फाइनेंस मे सुकृति हेतु पेंडिंग है इसलिए मजबूरी में केंद्रीय कार्यकारिणी के द्वारा यह कठिन निर्णय लिया गया आपसे अनुराध है कि हमारी निम्न मागा को पूरा करवाने में हमारा सहयोग करें हम सदैव आपके आभारी रहेंगे।
उपरोक्त परिस्थितियों में AISMA द्वारा 1 दिन सामूहिक अवकाश का लिया गया निर्णय हड़ताल) मजदूर वर्ग के हित में अधिक महत्व रखता है।
अतः आप सभी मीडियाकर्मियों से मोर सपोर्ट की अपेक्षा रखता हूँ आपका मोर सपर्ट हमारे लिए अति महत्वपूर्ण है आप हमारा मीडिया के माध्यम से प्रचार प्रसार कर के सरकार के सामने मजबूत पक्ष प्रस्तुत कर सकते हो हम आपके आभारी रहेंगे।
राष्ट्रीय अध्यक्ष / AISMA
सोशल मीडिया पर भी मची है हलचल
इस हड़ताल को लेकर सोशल मीडिया में भी बहुत सारे संदेश भजे जा रहे है जिसमे ऑल इंडिया स्टेशन मास्टर्स एसोसिएशन की तरफ से लोगो को मार्मिक अपील की जा रही है,
हमारी यात्रियों से अनुरोध है कि यदि 31 मई 2022 को यात्रा कर रहे हैं तो कृपया अपनी यात्रा स्टेशन मास्टर एसोसिएशन आंदोलन को देखते हुए प्लान करें।