More
    10.1 C
    Delhi
    Monday, January 13, 2025
    More

      || जनसंख्या पर नहीं है ||

      जनसंख्या पर नहीं है

      जनसंख्या पर नहीं है अभी किसी का ध्यान,
      दिन-दिन बनती जा रही, ये समस्या महान।

      सौ-सौ मंजिल बन रहीं बिल्डिंग ऊँची आज,
      खेत बने कालोनियाँ ऐसा कुछ हुआ रिवाज,
      बच्चों को भी बचे ना अब खेलन को मैदान,
      जनसंख्या पर नहीं है अभी किसी का ध्यान।

      मिलती नहीं है नौकरी चोर चमारी आम,
      सस्ता है बस आदमी मंहगा हुआ सामान,
      बढ़ी है भिक्षावृत्ति अब, चंदे और अनुदान,
      जनसंख्या पर नहीं है अभी किसी का ध्यान।

      जनसंख्या के नाम पर भ्रूण हत्या के प्रयत्न,
      कन्या के ही कत्ल के करते सभी हैं यत्न,
      मानवता का हो रहा हर विधि अब अपमान,
      जनसंख्या पर नहीं है अभी किसी का ध्यान।

      मानव को ही खायेगा जैसे मानव आप,
      तिस पर भी न होयेगा मानव को संताप,
      प्रलय रोकने का कोई दिखता नहीं निदान,
      जनसंख्या पर नहीं है अभी किसी का ध्यान।

      लेखिका
      श्रीमती प्रभा पांडेय जी
      ” पुरनम “

      READ MORE POETRY BY PRABHA JI CLICK HERE

      ALSO READ  || बरसात के दिन आये ||

      Related Articles

      LEAVE A REPLY

      Please enter your comment!
      Please enter your name here


      Stay Connected

      19,286FansLike
      80FollowersFollow
      839SubscribersSubscribe
      - Advertisement -

      Latest Articles