More
    35.1 C
    Delhi
    Sunday, April 28, 2024
    More

      रमा एकादशी 2023 | जानिए पूरी जानकारी | 2YoDo विशेष

      हिंदू पंचांग के अनुसार हर साल कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि पर रमा एकादशी का व्रत रखा जाता है। इस दिन जगत के पालनहार श्री हरि विष्णु की पूजा करने और व्रत रखने का विधान है। सभी एकादशियों में रमा एकादशी को सबसे शुभ और महत्वपूर्ण माना जाता है। इसे रम्भा एकादशी के नाम से भी जाना जाता है।

      यह एकादशी दिवाली के चार दिन पहले आती है। रमा एकादशी व्रत को सबसे महत्वपूर्ण एकादशी में से एक माना जाता है। कहा जाता है कि रमा एकादशी का व्रत करने से ब्रह्महत्या सहित अनेक प्रकार के पाप नष्ट हो जाते हैं। जो भी व्यक्ति रमा एकादशी के दिन व्रत रखता है, उसके सभी पाप मिट जाते हैं। 

      रमा एकादशी की तिथि

      कार्तिक माह में कृष्ण पक्ष की रमा एकादशी तिथि की शुरुआत 8 नवंबर 2023 को सुबह 08 बजकर 23 मिनट से हो रही है। अगले दिन 9 नवंबर 2023 को सुबह 10 बजकर 41 मिनट पर इसका समापन होगा। उदया तिथि के अनुसार 9 नवंबर को रमा एकादशी का व्रत रखा जाएगा।

      रमा एकादशी पूजा का शुभ मुहूर्त

      9 नवंबर को पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 06 बजकर 39 मिनट से लेकर सुबह 08 बजे तक है।

      रमा एकादशी व्रत का पारण

      अलावा रमा एकादशी के व्रत का पारण 10 नवंबर 2023 को सुबह 06 बजकर 39 मिनट से सुबह 08 बजकर 50 मिनट के बीच करना शुभ रहेगा।

      ALSO READ  Chandra Grahan 2023 : Timing | Sutak Period | Types Of Lunar Eclipses | Beliefs In Hinduism | Details Inside
      रमा एकादशी पूजा विधि

      रमा एकादशी के दिन प्रातः स्नानादि से निवृत होकर स्वच्छ वस्त्र धारण करें और भगवान विष्णु की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें।

      प्रतिमा के सामने बैठकर व्रत का संकल्प लें। इसके बाद भगवान विष्णु की पूजा विधि-विधान से करें।

      सबसे पहले भगवान विष्णु को पंचामृत से स्नान कराएं। फिर वामन देव को पुष्प, धूप, दीप, नैवेद्य आदि अर्पित करें।

      इसके बाद विष्णु सहस्त्रनाम का जाप करें और भगवान विष्णु की कथा सुनें।

      साथ ही द्वादशी के दिन ब्राह्मणों को भोजन कराकर और दान देकर आशीर्वाद प्राप्त करें।

      रमा एकादशी व्रत की पौराणिक कथा

      पुराणों के अनुसार, मुचुकंद नाम का एक प्रतापी राजा था। उनकी एक पुत्री थी, जिसका नाम चंद्रभागा था। पिता मुचुकंद ने अपनी बेटी चंद्रभागा की शादी राजा चंद्रसेन के बेटे शोभन से करा दिया। राजकुमार शोभन की एक आदत थी कि वो एक भी समय बिना खाए नहीं रहता था।

      इसी बीच शोभन एक बार कार्तिक के महीने में अपनी पत्नी के साथ ससुराल आया। उस दिन रमा एकादशी का व्रत भी था। चंद्रभागा के राज्य में सभी रमा एकादशी व्रत का नियम पूर्वक पालन करते थे तो दामाद शोभन से भी ऐसा ही करने के लिए कहा गया। परंतु, शोभन इस बात को लेकर काफी परेशान हो गया।

      इसके बाद अपनी परेशानी को लेकर शोभन पत्नी चंद्रभागा के पास पहुंचा। तब चंद्रभागा ने कहा कि ऐसे में तो आपको राज्य के बाहर ही जाना पड़ेगा, क्योंकि पूरे राज्य के लोग इस व्रत के नियम का पालन करते हैं। यही नहीं आज के दिन यहां के जीव-जंतु भी भोजन नहीं करते हैं।

      ALSO READ  श्री रामजानकी विवाहोत्सव 2023 | जानिए पूरी जानकारी | 2YoDo विशेष

      चंद्रभागा की इस बात को सुनने के बाद आखिरकार शोभन को रमा एकादशी व्रत रखना ही पड़ा। लेकिन, पारण करने से पहले ही उसकी मृत्यु हो गयी। इसके बाद चंद्रभागा अपने पिता के यहां ही रहने लगी।

      रमा एकादशी व्रत का महत्व

      एकादशी व्रत के पुण्य प्रताब से शोभन का अगला जन्म हुआ। इसबार उन्हें मंदरांचल पर्वत पर आलीशान राज्य प्राप्त हुआ। एक बार मुचुकुंदपुर के ब्राह्मण तीर्थ यात्रा करते हुए शोभन के दिव्य नगर में पहुंचे। वहां सिंहासन पर विराजमान शोभन को देखकर ही पहचान लिया।

      वहां ब्राह्मणों को देख शोभन भी अपने सिंहासन से उठकर पूछा कि यह सब कैसे हुआ। इसके बाद तीर्थ यात्रा से लौटने के बाद ब्राह्मणों ने चंद्रभागा को पूरी बात बताई। चंद्रभागा बेहद खुश हुई और पति के पास जाने के लिए व्याकुल हो गई। इसके बाद वह वाम ऋषि के आश्रम पहुंची। फिर, मंदरांचल पर्वत पर गई और पति शोभन के पास पहुंच गई।

      इस तरह एकादशी व्रतों के पुण्य प्रभाव से दोनों का फिर से मिलन हो गया। कहते हैं, तभी से मान्यता है कि जो भी मनुष्य इस व्रत को रखता है वह ब्रह्महत्या जैसे पाप से मुक्त हो जाता है। साथ ही उसकी सारी मनोकामनाएं भी पूरी हो जाती हैं।

      Related Articles

      LEAVE A REPLY

      Please enter your comment!
      Please enter your name here

      Stay Connected

      18,747FansLike
      80FollowersFollow
      720SubscribersSubscribe
      - Advertisement -

      Latest Articles