More
    28.1 C
    Delhi
    Thursday, September 12, 2024
    More

      चंद्रमा अशुभ होने के होते हैं नुकसान | चन्द्रदेव नाराज होने के जानें कारण, लक्षण और उपाय | 2YoDo विशेष

      सूर्य के बाद धरती के उपग्रह चन्द्र का प्रभाव धरती पर पूर्णिमा के दिन सबसे ज्यादा रहता है। जिस तरह मंगल के प्रभाव से समुद्र में मूंगे की पहाड़ियां बन जाती हैं और लोगों का खून दौड़ने लगता है उसी तरह चन्द्र से समुद्र में ज्वार-भाटा उत्पत्न होने लगता है।

      जितने भी दूध वाले वृक्ष हैं सभी चन्द्र के कारण उत्पन्न हैं। चन्द्रमा बीज, औषधि, जल, मोती, दूध, अश्व और मन पर राज करता है। लोगों की बेचैनी और शांति का कारण भी चन्द्रमा है।

      चन्द्रमा माता का सूचक और मन का कारक है। कुंडली में चन्द्र के अशुभ होने पर मन और माता पर प्रभाव पड़ता है। 

      कैसे होता चन्द्र खराब?
      • घर का वायव्य कोण दूषित होने पर भी चन्द्र खराब हो जाता है।
      • घर में जल का स्थान-दिशा यदि दूषित है तो भी चन्द्र मंदा फल देता है।
      • पूर्वजों का अपमान करने और श्राद्ध कर्म नहीं करने से भी चन्द्र दूषित हो जाता है।
      • माता का अपमान करने या उससे विवाद करने पर चन्द्र अशुभ प्रभाव देने लगता है।
      • शरीर में जल यदि दूषित हो गया है तो भी चन्द्र का अशुभ प्रभाव पड़ने लगता है।
      • गृह कलह करने और पारिवारिक सदस्य को धोखा देने से भी चन्द्र मंदा फल देता है।
      • राहु, केतु या शनि के साथ होने से तथा उनकी दृष्टि चन्द्र पर पड़ने से चन्द्र खराब फल देने लगता है।

      शुभ चन्द्र व्यक्ति को धनवान और दयालु बनाता है। सुख और शांति देता है। भूमि और भवन के मालिक चन्द्रमा से चतुर्थ में शुभ ग्रह होने पर घर संबंधी शुभ फल मिलते हैं।

      ALSO READ  || हम अच्छे थे या बुरे थे ||
      कैसे जानें कि चन्द्रमा खराब है?
      • दूध देने वाला जानवर मर जाए।
      • यदि घोड़ा पाल रखा हो तो उसकी मृत्यु भी तय है, किंतु आमतौर पर अब लोगों के यहां ये जानवर नहीं होते।
      • माता का बीमार होना या घर के जलस्रोतों का सूख जाना भी चन्द्र के अशुभ होने की निशानी है।
      • महसूस करने की क्षमता क्षीण हो जाती है।
      • राहु, केतु या शनि के साथ होने से तथा उनकी दृष्टि चन्द्र पर पड़ने से चन्द्र अशुभ हो जाता है।
      • मानसिक रोगों का कारण भी चन्द्र को माना गया है।
      चंद्र ग्रह से होती ये बीमारियाँ
      • चन्द्र में मुख्य रूप से दिल, बायां भाग से संबंध रखता है।
      • मिर्गी का रोग।
      • पागलपन।
      • बेहोशी।
      • फेफड़े संबंधी रोग।
      • मासिक धर्म गड़बड़ाना।
      • स्मरण शक्ति कमजोर हो जाती है।
      • मानसिक तनाव और मन में घबराहट।
      • तरह-तरह की शंका और अनिश्चित भय।
      • सर्दी-जुकाम बना रहता है।
      • व्यक्ति के मन में आत्महत्या करने के विचार बार-बार आते रहते हैं।
      चंद्र ग्रह के उपाय
      • प्रतिदिन माता के पैर छूना।
      • शिव की भक्ति। सोमवार का व्रत।
      • पानी या दूध को साफ पात्र में सिरहाने रखकर सोएं और सुबह कीकर के वृक्ष की जड़ में डाल दें।
      • चावल, सफेद वस्त्र, शंख, वंशपात्र, सफेद चंदन, श्वेत पुष्प, चीनी, बैल, दही और मोती दान करना चाहिए।
      • मोती धारण करना।
      • दो मोती या दो चांदी के टुकड़े लेकर एक टुकड़ा पानी में बहा दें तथा दूसरे को अपने पास रखें।
      • कुंडली के छठे भाव में चन्द्र हो तो दूध या पानी का दान करना मना है।
      • सोमवार को सफेद वस्तु जैसे दही, चीनी, चावल, सफेद वस्त्र,1 जोड़ा जनेऊ, दक्षिणा के साथ दान करना और ‘ॐ सोम सोमाय नमः’ का 108 बार नित्य जाप करना श्रेयस्कर होता है।
      ALSO READ  CSIR Develops Low-Cost Medical Oxygen Plant which Can Even Be Remotely Controlled

      Related Articles

      LEAVE A REPLY

      Please enter your comment!
      Please enter your name here

      Stay Connected

      18,827FansLike
      80FollowersFollow
      727SubscribersSubscribe
      - Advertisement -

      Latest Articles