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      || भैया मेरी राखी को ||

      भैया मेरी राखी को तुम थाली में धर लेना,
      थोड़ी सी मिठाई खाना, याद मुझे तुम कर लेना ।

      छोटी बहन से कहिये वो अपने हाथ से बांधे,
      दिल भर आये लाख मगर आंसू ना तुम भर लेना ।।

      तेरी अमराई पर जब चिड़ियों का सुनो चहकना,
      सोचना है हंसी मेरी और धीरज तुम धर लेना ।

      रिम झिम बारिश में झूलों की चरमर अगर सुनो तो,
      मेरे बदले झूल झूल तुम कसर पूरी कर लेना ।।

      तेरे घर आंगन में महके बेला और चमेली,
      सोचना है मेरी खुशी धीरज तुम धर लेना ।

      भैया सुन्दर फूल तुम मेरे बाबुल की बगिया का,
      ले लो मेरी सभी दुआ मेरी सारी उमर लेना ।।

      लेखिका
      श्रीमती प्रभा पांडेय जी
      ” पुरनम “

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