More
    31.1 C
    Delhi
    Wednesday, May 8, 2024
    More

      || बाबुल तेरे घर आंगन में ||

      बाबुल तेरे घर आंगन में खुशियां बरसती हों,
      बेला और चमेली सजे संग चंपा महकती हो ।

      तेरे घर से जब आये मुझे ठंडी हवा आये,
      तेरे घर से जब गुजरें पुरवइयां गुजरती हो ।। बाबुल…..

      दूर बहुत दूर तक ही दुख दर्दों के साये रहें,
      हर दिन तुम्हारे बाबुल सुख सुविधा छलकती हों ।। बाबुल…..

      धन धान्य की घर में कभी कोई कमी ना रहे,
      आशीर्वाद के साये में उम्मीदें चहकती हों ।। बाबुल…..

      शंख और मंत्रोच्चार की ध्वनि हर दिन सुनाई दे
      शाम हो तो घी की बाती तुलसी तले जलती हो ।। बाबुल…..

      लेखिका
      श्रीमती प्रभा पांडेय जी
      ” पुरनम “

      READ MORE POETRY BY PRABHA JI CLICK HERE

      DOWNLOAD OUR APP CLICK HERE

      ALSO READ  || सरस्वती नमन | SARASWATI NAMAN ||

      Related Articles

      LEAVE A REPLY

      Please enter your comment!
      Please enter your name here

      Stay Connected

      18,791FansLike
      80FollowersFollow
      720SubscribersSubscribe
      - Advertisement -

      Latest Articles