More
    35.1 C
    Delhi
    Saturday, May 11, 2024
    More

      UP News : गन्ना मूल्य भुगतान प्रदेश सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शामिल : मुख्यमंत्री

      • गन्ना मूल्य भुगतान न करने वाली चीनी मिलों के विरुद्ध वसूली प्रमाण-पत्र जारी करते हुए गन्ना मूल्य भुगतान सुनिश्चित कराया जाये
      • मुख्यमंत्री के कड़े रुख के फलस्वरूप बजाज समूह द्वारा पेराई सत्र 2022-23 के देय गन्ना मूल्य के सापेक्ष एकमुश्त 1,371 करोड़ रुपये की धनराशि अपनी चीनी मिलों से सम्बद्ध किसानों के खातों में विगत 24 घंटों में अन्तरित
      • अन्य बकायेदार समूहों यथा-राणा, यदु, ओसवाल, केसर, सिम्भावली, मोदी और शामली की चीनी मिलों में उपलब्ध चीनी स्टॉक, शीरा, बगास, खोई एवं अन्य सह-उत्पादों की तेजी से बिक्री कर प्राप्त धनराशि से गन्ना मूल्य भुगतान सुनिश्चित कराने हेतु चीनी मिलों एवं विभागीय अधिकारियों को कड़े निर्देश
      • चीनी मिलों को समय से प्रारम्भ कराया जाये, ताकि किसान गन्ने की कटाई कर गेहूं की बुवाई समय से कर सकें  
      • अब तक प्रदेश की 32 चीनी मिलों द्वारा पेराई सत्र प्रारम्भ करने हेतु इण्डेन्ट जारी
      • स्मार्ट गन्ना किसान प्रोजेक्ट के अन्तर्गत पर्ची निर्गमन व्यवस्था की तर्ज पर ऑटोमेटेड गन्ना मूल्य भुगतान प्रणाली लागू करने के निर्देश
      • विगत 06 वर्षां में 04 बन्द पड़ी चीनी मिलों का पुनःसंचालन तथा 03 नई चीनी मिलों की स्थापना कराई गयी

      मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा है कि गन्ना मूल्य भुगतान प्रदेश सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शामिल है। उन्होंने निर्देशित किया है कि जिन डिफाल्टर चीनी मिलों द्वारा अभी तक पेराई सत्र 2022-23 का गन्ना मूल्य भुगतान नहीं किया है, उनके देय गन्ना मूल्य का भुगतान प्राथमिकता पर कराया जाये। गन्ना मूल्य भुगतान न करने वाली चीनी मिलों के विरुद्ध वसूली प्रमाण-पत्र जारी करते हुए गन्ना मूल्य भुगतान सुनिश्चित कराया जाये।

      मुख्यमंत्री जी के कड़े रुख के फलस्वरूप बजाज समूह द्वारा पेराई सत्र 2022-23 के देय गन्ना मूल्य के सापेक्ष एकमुश्त 1,371 करोड़ रुपये की धनराशि अपनी चीनी मिलों से सम्बद्ध किसानों के खातों में विगत 24 घंटों में अन्तरित की गयी है। बजाज समूह की चीनी मिलों से सम्बद्ध लगभग 5.25 लाख गन्ना किसानों के खातों में बकाया गन्ना मूल्य की धनराशि पहुंचने से किसानों को बड़ी राहत मिली है। त्योहारों के समय लम्बित धनराशि प्राप्त होने पर गन्ना किसानों ने मुख्यमंत्री जी के प्रति आभार व्यक्त किया है। 

      ALSO READ  UP Government To Build State’s First Solar Superhighway Bundelkhand Expressway | Details Inside

      बजाज समूह की चीनी मिलों द्वारा अन्तरित की गई धनराशि के अन्तर्गत चीनी मिल गागनौली सहारनपुर द्वारा 98 करोड़ रुपये, थाना भवन शामली द्वारा 142 करोड़ रुपये, भैसाना मुजफ्फरनगर द्वारा 112 करोड़ रुपये, किनौनी मेरठ द्वारा 180 करोड़ रुपये, बिलाई बिजनौर द्वारा 90 करोड़ रुपये, बरखेड़ा पीलीभीत द्वारा 93 करोड़ रुपये, मकसूदापुर शाहजहांपुर द्वारा 68 करोड़ रुपये, गोला गोकर्णनाथ लखीमपुरखीरी द्वारा 185 करोड़ रुपये, पलियाकलां लखीमपुरखीरी द्वारा 157 करोड़ रुपये, खम्भारखेड़ा लखीमपुरखीरी द्वारा 82 करोड़ रुपये, कुंदरखी गोण्डा द्वारा 82 करोड़ रुपये, इटईमैदा बलरामपुर द्वारा 37 करोड़ रुपये, रुदौली बस्ती द्वारा 37 करोड़ रुपये तथा प्रतापपुर देवरिया द्वारा 10 करोड़ रुपये की धनराशि शामिल है।

      मुख्यमंत्री जी ने गन्ना मूल्य भुगतान न करने वाली चीनी मिलों की चीनी व अन्य सह-उत्पादों की तेजी से बिक्री कर प्राथमिकता पर गन्ना किसानों को गन्ना मूल्य का भुगतान कराए जाने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री जी के सख्त रूख के परिणामस्वरूप चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास विभाग द्वारा अन्य बकायेदार समूहों यथा-राणा, यदु, ओसवाल, केसर, सिम्भावली, मोदी और शामली की चीनी मिलों में उपलब्ध चीनी स्टॉक, शीरा, बगास, खोई एवं अन्य सह-उत्पादों की तेजी से बिक्री कर प्राप्त धनराशि से गन्ना मूल्य भुगतान सुनिश्चित कराने हेतु चीनी मिलों एवं विभागीय अधिकारियों को कड़े निर्देश दिये गये हैं। विभागीय अधिकारियों को यह निर्देश भी दिये गये हैं कि यदि चीनी मिलें इन निर्देशों का अनुपालन नहीं करती हैं, तो उनके विरुद्ध दण्डात्मक कार्यवाही करते हुए बकाया गन्ना मूल्य भुगतान की वसूली हेतु वसूली प्रमाण-पत्र जारी करने की संस्तुति प्रेषित की जाये। 

      इसके अतिरिक्त, चीनी मिलों पर पैनी निगाह रखते हुए टैगिंग आदेश का अनुपालन सुनिश्चित कराये जाने के भी निर्देश विभागीय अधिकारियों को दिये गये हैं। साथ ही, उन्हें सचेत किया गया है कि यदि चीनी मिलें टैगिंग आदेश का अक्षरशः अनुपालन नहीं करती हैं अथवा चीनी बिक्री से प्राप्त होने वाली धनराशि का व्यावर्तन करती हैं, तो इसे किसी भी दशा में बर्दाश्त न किया जाये। ऐसा करने वाले चीनी मिलों के विरुद्ध कठोर दण्डात्मक कार्यवाही की जाये।

      ALSO READ  Fraud Unveiled: GST Authorities Detect Massive Rs 44,000 Crore Scam Linked to 29,000 Fake Companies

      मुख्यमंत्री जी ने गन्ना किसानों के हित में प्रदेश स्थित सभी चीनी मिलों में पेराई सत्र समय से प्रारम्भ कराए जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि गन्ना आवंटन पारदर्शिता के साथ करते हुए, चीनी मिलों को समय से प्रारम्भ कराया जाये, ताकि किसान गन्ने की कटाई कर गेहूं की बुवाई समय से कर सकें।  इस क्रम में अब तक प्रदेश की 32 चीनी मिलों द्वारा पेराई सत्र प्रारम्भ करने हेतु इण्डेन्ट जारी करते हुए गन्ना खरीद प्रारम्भ कर दी गई है। उन्होंने चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास विभाग द्वारा संचालित स्मार्ट गन्ना किसान प्रोजेक्ट के अन्तर्गत पर्ची निर्गमन व्यवस्था की तर्ज पर स्मार्ट गन्ना किसान प्रोजेक्ट से ही एक समान व्यवस्था के अन्तर्गत ऑटोमेटेड गन्ना मूल्य भुगतान प्रणाली लागू करने के निर्देश भी दिए हैं।  

      गन्ना किसानों के हित में चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास विभाग द्वारा सभी गन्ना समितियों को निर्देशित किया गया है कि गन्ना किसानों की गन्ना आपूर्ति समस्याओं का प्राथमिकता पर निस्तारण सुनिश्चित करायें तथा रबी सीजन के दृष्टिगत उर्वरक एवं कीटनाशक दवाओं की उपलब्धता बनाये रखें।

      ज्ञातव्य है कि प्रदेश की 186 सहकारी गन्ना एवं चीनी मिल समितियों में पंजीकृत लगभग 65 लाख गन्ना किसानों में से लगभग 46 लाख गन्ना किसान नियमित रूप से गन्ना आपूर्ति करते हैं। राज्य सरकार द्वारा गन्ना किसानों की सुविधा हेतु लागू की गयी स्मार्ट गन्ना किसान योजना के अन्तर्गत गन्ना आपूर्ति से संबंधित सभी प्रक्रियाओं का डिजिटलीकरण करते हुए गन्ना पर्ची निर्गमन को ऑनलाइन किया गया। इससे प्रदेश के किसान, गन्ना आपूर्ति एवं गन्ना पर्ची से संबंधित सभी सूचनायें घर बैठे प्राप्त कर रहे हैं। मुख्यालय पर स्थापित टोल-फ्री नम्बर 1800-121-3203 के माध्यम से गन्ना किसानों की समस्याओं का निस्तारण कराया जा रहा है, जिससे गन्ना किसान गन्ने की खेती में रुचि ले रहे हैं तथा प्रदेश गन्ना व चीनी उत्पादन में नित नये रिकार्ड स्थापित कर रहा है।

      ALSO READ  Power Minister unveils EESL’s National Efficient Cooking Programme and Energy Efficient Fans Programme

      यह भी उल्लेखनीय है कि विगत 06 वर्षां मे प्रदेश का गन्ना क्षेत्रफल 20.54 लाख हेक्टेयर (2016-17) से बढ़कर 29.66 लाख हेक्टेयर (2023-24) हुआ है। प्रदेश की गन्ना उत्पादकता 72.38 टन/हेक्टेयर (2016-17) से बढ़कर 83.95 टन/हेक्टेयर (2022-23) हुई। प्रदेश में 13.57 लाख नये गन्ना किसान गन्ना खेती प्रारम्भ कर गन्ना समितियों के सदस्य बने। प्रदेश गन्ना क्षेत्रफल, गन्ना उत्पादन, चीनी उत्पादन एवं एथनॉल उत्पादन में देश में पहले स्थान पर है। 284 नई खाण्डसारी इकाईयों को लाइसेन्स प्रदान किया गया है। चीनी मिलों की पेराई क्षमता 7.50 लाख टी0सी0डी0 (टन क्रसिंग प्रति दिन) (2016-17) से बढ़कर 8.07 लाख टी.सी.डी. (2022-23) हुई है।

      विगत 06 वर्षां में 04 बन्द पड़ी चीनी मिलों (गागलहेड़ी, टोडरपुर (सहारनपुर), बुलन्दशहर एवं वीनस (सम्भल) का पुनःसंचालन तथा 03 नई चीनी मिलों (पिपराईच, मुण्डेरवा एवं रमाला) की स्थापना कराई गयी। इस पेराई सत्र में राज्य सरकार द्वारा 01 बन्द चीनी मिल (बिडबी-सहारनपुर) पुनः संचालित कराई जा रही है। निजी क्षेत्र की 01 नई चीनी मिल (चांगीपुर-बिजनौर) भी प्रारम्भ हो रही है। 

      गन्ना प्रजाति एवं बीज बदलाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने हेतु प्रदेश की महिला शक्ति ने प्रदेश के 37 जिलों में गठित 3,201 महिला स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से अब तक विभिन्न नव विकसित गन्ना प्रजातियों के उत्पादित 29.50 करोड़ सीडलिंग का वितरण कर गन्ना बीज एवं प्रजाति बदलाव में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है। 

      Related Articles

      LEAVE A REPLY

      Please enter your comment!
      Please enter your name here

      Stay Connected

      18,804FansLike
      80FollowersFollow
      720SubscribersSubscribe
      - Advertisement -

      Latest Articles