More
    27.1 C
    Delhi
    Monday, April 29, 2024
    More

      कलयुग की रामायण | RRD’s Opinion

      हिंदू धर्म में महर्षि वाल्मीकि द्वारा रचित धार्मिक पुस्तक रामायण और संस्कृतकृत रामायण का हिंदी में अनुवाद करने वाले गोस्वामी तुलसीदास की रामचरितमानस में भगवान श्री राम की संपूर्ण कथा वर्णित है। हिंदू धर्म में रामचरितमानस और रामायण का अत्यंत महत्व है।

      कोई भी धार्मिक अनुष्ठान, या कोई शुभ कार्य किया जाता है तो हिंदू धर्म में सर्वप्रथम रामायण का पाठ कराया जाता है।

      धार्मिक पुस्तक रामचरित मानस और रामायण में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम के जीवन का सुंदर वर्णन किया गया है।

      धार्मिक पुस्तक रामायण में भगवान श्री राम और उनके अन्नत भक्त हनुमान जी की लीलाओं का वर्णन है।

      रामायण पर कई फिल्में और टीवी सीरियल बनाई बने। 

      लेकिन आज भी रामानंद कृत रामायण लोगो के दिलो पर छाई है वजह यह की इसमें लोगो की आस्था के साथ खिलवाड़ नहीं किया गया है और कलाकारों ने भी अपनी मेहनत से अपने किरदारों को बड़ी बखूबी से निभाया।

      लेकिन वर्तमान समय में रामायण पर सुपरस्टार प्रभास और कृति सेनन स्टारर फिल्म आदिपुरुष रिलीज के साथ ही विवादों में फंस गई है।

      इस फिल्म को सोशल मीडिया पर जमकर ट्रोल किया जा रहा है।

      500 करोड़ रुपए की लागत से बनी इस फिल्म में ऐसा बहुत कुछ है जिससे फैंस नाराज हैं।

      सबसे पहली बात जो दर्शकों को पसंद नहीं आ रही है वो है रामायण की महागाथा के साथ छेड़छाड़।

      दर्शकों का कहना है कि फिल्म में रामायण की कथा के साथ अन्याय किया गया है।

      इसका सबसे बड़ा कारण है फिल्म के डायलॉग्स में उपयोग की गई भाषा।

      दर्शकों का आरोप है कि फिल्म में स्तरहीन भाषा का उपयोग किया गया है।

      ALSO READ  Reason behind PM Modi’s Sudden Announcement of Bharat Ratna for LK Advani | RRD’s Opinion

      जिससे उनकी धार्मिक भावनाएं आहत हो रही हैं। जैसे एक सीन में ​हनुमान कहते हैं ‘जो हमारी बहनों को हाथ लगाएगा, हम उसकी लंका लगा देंगे‘।

      फिल्म में रावण के पुत्र इंद्रजीत, हनुमान जी की पूंछ में आग लगाकर कहते हैं, ’जली ना? अब और जलेगी, बेचारा जिसकी जलती है, वही जानता है।’

      जिसके जवाब में हनुमान जी बोलते हैं, ‘कपड़ा तेरे बाप का, तेल तेरे बाप का, आग भी तेरे बाप की और जलेगी भी तेरे बाप की

      माता सीता से मिलने के दौरान रावण का एक सैनिक बजरंग यानी हनुमान जी को अशोक वाटिका में देखता है।

      जिसपर वह बोलता है, ‘ए! तेरी बुआ का बगीचा है क्या, जो हवा खाने चला आया।’ फिर सैनिक बोलता है, ‘मरेगा बेटे आज तू अपनी जान से हाथ धोएगा।

      रावण के सामने अंगद शांतिदूत के रूप में जाते हैं।

      इस दौरान वे रावण को चेतावनी देते हैं, ’रघुपति राघव राजा राम बोल और अपनी जान बचा ले, वरना आज खड़ा है कल लेटा हुआ मिलेगा।’

      इंद्रजीत के वार से शेष यानी लक्ष्मण घायल हो जाते हैं।

      जिसपर इंद्रजीत बोलते हैं, ’मेरे एक सपोले ने तुम्हारे इस शेष नाग को लंबा कर दिया। अभी तो पूरा पिटारा भरा पड़ा है।

      रावण को राम से युद्ध न करने की सलाह देने के दौरान विभीषण कहते हैं, ‘भैया आप अपने काल के लिए कालीन बिछा रहे हैं।’

      दर्शकों का तर्क है कि उस काल में भैया या भाई जैसे शब्दों का उपयोग शायद ही होता होगा।

      फिल्म के एक सीन में रावण कहते हैं ‘अयोध्या में तो वो रहता नहीं। रहता वो जंगल में है और जंगल का राजा तो शेर होता है। तो वो राजा कहां का रे।

      ALSO READ  Is it An Excellent Time to Invest in FDs as Interest Rates may be Close to Peak because of RBI Repo Rate Pause | RRD’s Opinion

      लक्ष्मण के प्राण बचाने के लिए गए हनुमान संजीवनी पर्वत ​इसलिए नहीं लेकर आए कि उन्हें संजीवनी बूटी के बारे में नहीं पता था।

      फिल्म में दिखाया गया है कि वे पर्वत इसलिए लाए क्योंकि वे सोचते हैं कि बाकी लोगों को भी अभी इसकी जरूरत पड़ सकती है।

      एक सीन में रावण का डायलॉग है, ‘तुम लोगों के पास कोई काम धंधा नहीं है क्या, बंदर पकड़ कर लाए हो।’

      आदि कई ऐसे डायलॉग है जिससे हिंदू धर्म के लोगों की भावनाएं आहत हुई है फिल्म का निर्देशन करते समय यह बिल्कुल भी ध्यान नहीं दिया गया की रामायण लोगों के दिलों में बसी है हिंदू धर्म में मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम और उनके आनंद भक्त हनुमान जी के प्रति लोगों में गहरी आस्था है बावजूद इसके तथ्यों से छेड़छाड़ करके फिल्म का निर्माण किया गया है अगर सही मायने में कहा जाए तो यह कलयुग की रामायण हैं, अगर इसी फिल्म का निर्माण विशेष वर्ग के निर्देशक द्वारा किया जाता तो अब तक हालात दूसरे होते लेकिन धार्मिक भावनाओं से खिलवाड़ करना और टपोरी टाइप के डायलॉग डालकर फिल्म बनाने की आखिर मंशा क्या थी निर्देशक की।

      रामानंद कृत रामायण और आदिपुरुष की तुलना कर ली जाए तो समझ में आ जाएगा कि फिल्म में किस तरह से  धार्मिक भावनाओं के साथ खिलवाड़ की गई है।

      फिल्म में रावण का किरदार निभा रहे सैफ अली खान पर तो यूजर्स ने आरोप लगाया कि फिल्म के प्रमोशन के समय जब लोगों ने जय श्रीराम के नारे लगाए तो सैफ अली खान ने जय श्रीराम बोलने के बजाय हाथ जोड़कर सिर्फ अभिवादन स्वीकार किया, कई यूजर्स ने सोशल मीडिया में लिखा कि सैफ अली खान जय श्रीराम नहीं बोलेंगे, अब आप खुद ही इस बात का अंदाजा लगा सकते हैं । 

      ALSO READ  Google and Microsoft Rivalry Could Supercharge Development of AI | RRD’s Opinion

      फिल्म सेंसर बोर्ड को भी उपरोक्त प्रकरण में काफी गंभीरता से विचार करना होगा कि धर्म विशेष से संबंधित फिल्मों में विशेष सावधानी बरती जाए।

      ऐसे फिल्मों के रिलीज होने पर रोक लगाई जाए जहां केवल टपोरी भाषा का प्रयोग हो और जिससे की किसी भी धर्म के लोगों की धार्मिक भावनाएं आहत हो, अगर उपरोक्त मामले में फिल्म सेंसर बोर्ड ने ध्यान नहीं दिया तो उसके दूरगामी परिणाम भी हो सकते हैं।

      Rahul Ram Dwivedi (RRD) is a senior journalist in 2YoDoINDIA.

      NOTE : Views expressed are personal.

      Related Articles

      LEAVE A REPLY

      Please enter your comment!
      Please enter your name here

      Stay Connected

      18,749FansLike
      80FollowersFollow
      720SubscribersSubscribe
      - Advertisement -

      Latest Articles