More
    22.1 C
    Delhi
    Thursday, May 2, 2024
    More

      || मनुहार ||

      मनुहार

      प्रेम युगल निज प्यार मे, खूब करें मनुहार ।
      कभी करें इकरार वो, कभी करें तकरार ।।

      मीठे-मीठे बोल से, रूठे कभी मनाय ।
      प्रीति रीति की राह मे, आपस मिल इठलाय ।।

      साजन को सजनी बिना, सून लगे संसार ।
      बढता-घटता प्यार भी, जब होता मनुहार ।।

      दूर रहें धडकन बढे, नैना ताकें राह ।
      पास मिले मनुहार से, दिखे दिलों मे चाह ।।

      जितना गहरा प्यार हो, उतना ही मनुहार ।
      रूठ-मना परवान हो, सदा दिलों मे प्यार ।।

      जो चाहेगा वही तो, रूठेगा शतबार ।
      नही जुदाई पथ मिले, सीखा जो मनुहार ।।

      प्यार संग मनुहार का, चोली-दामन साथ ।
      मेल खेल के फेर मे, लाख टके की बात ।।

      लेखक
      राकेश तिवारी
      “राही”

      READ MORE POETRY BY RAHI JI CLICK HERE

      ALSO READ  काशी का वाराणसी के रूप में पुनर्जन्म कैसे हुआ | जानिए पूरी कहानी | 2YoDo विशेष

      Related Articles

      LEAVE A REPLY

      Please enter your comment!
      Please enter your name here

      Stay Connected

      18,751FansLike
      80FollowersFollow
      720SubscribersSubscribe
      - Advertisement -

      Latest Articles