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      || उद्देश्य जीवन का ||

      उद्देश्य जीवन का

      रहें हालात कैसे भी, सदा ही मुस्कराना है।
      ये जीवन जो मिला, हर हाल मे जीकर दिखाना है।।

      जन्म जिसने लिया जग मे, मिले सुख-दुख से नाता है।
      भाग्य मे जो लिखा वो ही, प्रकृति का जीव पाता है।।

      किसी के सुख-दुखों को देखकर, हतप्रभ नही होना।
      लकीरें हाथ की निज देखकर, हिम्मत नही खोना।।

      कर्म कर निज हथेली की, सुनों रेखा सजाना है।
      ये जीवन जो मिला हर हाल मे, जीकर दिखाना है।।

      करो संकल्प, ढृढता और निश्चय, फिर मिले मंजिल।
      हौशले हो बुलंदी पे, सजग हो संग जिंदादिल।।

      कर्म सतपथ को ही पकडे, कभी छूटे न परछाई।
      रहें गर ख्वाहिशे सीमित, करेगी शान्ति अगुवाई।।

      समझ उद्देश्य जीवन का, भटक खुद को न जाना है।
      ये जीवन जो मिला हर हाल मे, जीकर दिखाना है।।

      सदा बहकावे मे आकर, भटकते लोग देखें है।
      किसी की बात न माने, जिंदगी नर्क करते है।।

      बुरी है बात हर इक कर्म के अंजाम को सोचो।
      हो कैसे मुक्ति जीवन की, जरा इस बात पे सोचो।।

      कर्म से पथ बना “राही” स्वयं जीवन सजाना है।
      ये जीवन जो मिला, हर हाल मे जीकर दिखाना है।।

      लेखक
      राकेश तिवारी
      “राही”

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