ये भी क्या साल था
अचारों की खुशबू न थी
मुरब्बे की मिठास न थी
अनाज का भंडार न था
दालों का बोरा न था
ये भी क्या साल था
आइसक्रीम की ठंडक न थी
बर्फ की चुस्की न थी
गन्ने का रस न था
मटके की कुल्फी न थी
ये भी क्या साल था
नारंगी की कैंडी न थी
बुढ़िया के बाल न थे
सैर या चौपाटी न थी
गोलगप्पों की गिनती न थी
ये भी क्या साल था
शादियों के कार्ड न थे
लिफाफों पर नाम न थे
बेसन के लड्डू न थे
मावा की बर्फी न थी
ये भी क्या साल था
साड़ी की खरीदारी न थी
मेकअप का सामान न था
जूतों की फरमाइश न थी
गहनों की लिस्ट न थी
ये भी क्या साल था
ट्रेन की टिकट न थी
बस का किराया न था
फ्लाइट की बुकिंग न थी
टेक्सी का भाड़ा न था
ये भी क्या साल था
नानी का घर न था
मामा की मस्ती न थी
मामी का प्यार न था
नाना का दुलार न था
ये भी क्या साल था
पिता का आंगन न था
माँ का स्वाद न था
भाभी की मनुहार न थी
भाई का उल्लास न था
ये भी क्या साल था
मंदिर की घंटी न थी
पूजा की थाली न थी
भक्तों की कतार न थी
भगवान का प्रसाद न था
ये भी क्या साल था
लेखक
राहुल राम द्विवेदी
” RRD “
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