More
    29 C
    Delhi
    Monday, April 29, 2024
    More

      || पूरा फर्ज किया बड़ी भाभी ने ||

      पूरा फर्ज किया बड़ी भाभी ने

      आज बड़े होने का मैंने अपना पूरा फर्ज किया,
      जुदा हो रहा था देवर घर से तब मैंने आज किया ।

      देवरानी पोछा लगायेगी, झाड़ू मैं स्वयं लगाऊँगी,
      देवरानी को साथ बिठाकर ही मैं खाना खाऊँगी ।
      बच्चे लड़ें अगर आपस में प्रेम से मैं समझाऊँगी,
      अपना बड़प्पन देवरानी पर कभी नहीं जतलाऊँगी ।।

      वादा ऐसा कुछ जो किया है तो फिर कहाँ है हर्ज किया,
      आज बड़े होने का मैंने अपना पूरा फर्ज किया ।

      जुदा अगर नख होते हैं तो दर्द हाथ में होता है,
      छोटी छोटी बातों से क्या जुदा कोई यूँ होता है ।
      प्रेम दिया है पुत्र के जैसे आज मेरा मन रोता है,
      भाभी के प्रति फर्ज तुम्हारा कुछ तो आखिर होता है ।।

      तुम और भाई मिल निपटा लो धंधे में यदि कर्ज किया,
      आज बड़े होने का मैंने अपना पूरा फर्ज किया ।

      चलो बुरी हूँ मैंने माना माँ का भी मुख तुम देखो,
      ढलती उम्र न सह पायेगी बहुत बड़ा दुख तुम देखो ।
      जितना भी संभव हो उनको मिलजुल दें सुख हम देखो,
      इनकी वृद्धावस्था की लाठी हैं ठुक-ठुक हम देखो ।।

      आशीर्वाद ही देंगे भगवन दूर जो उनका मर्ज किया,
      आज बड़े होने का मैंने अपना पूरा फर्ज किया ।

      लेखिका
      श्रीमती प्रभा पांडेय जी
      ” पुरनम “

      FOR MORE POETRY BY PRABHA JI CLICK HERE माँ में तेरी सोनचिरैया

      ALSO READ  || ससुराल जाते समय ||

      Related Articles

      LEAVE A REPLY

      Please enter your comment!
      Please enter your name here

      Stay Connected

      18,749FansLike
      80FollowersFollow
      720SubscribersSubscribe
      - Advertisement -

      Latest Articles