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      || देशी इलाज ||

      देशी इलाज

      खून की कमी से जो भी चाहे निपटना,

      उपयोग करें सेव व अनार का नियमित,

      इधर उधर भटकने की नहीं जरूरत.

      इसी में हो जायेगा खुश दिल, दिमाग, चित्त।

      ऐसे लोग जिनकी अस्थियों में नहीं दम, दूध,

      केला तथा टमाटर पे रखें जोर,

      पालक, गोभी, छांछ व पनीर भी अच्छे,

      थोड़ा सा व्यायाम भी आवश्यक प्रति भोर।

      हरी सब्जी और सलाद चाहिये सबको,

      अंकुरित दालें, चने, अनाज उपयोगी,

      इनसे पायें ताजगी सब बूढ़े व बच्चे.

      स्वस्थ इनसे रहें हर कमजोर व रोगी।

      फोड़े फुन्सी दूर करें नीम के पत्ते,

      दांत को मजबूत करें नीम व बबूल,

      अदरक, तुलसी, काढ़ा दें सर्दी जुकाम में,

      नमक पानी के गरारे जो गले में शूल।

      जख्म, चोट और सूजन पर लगायें हल्दी।

      आधा चम्मच सुबह शाम जल से खाइये,

      ऐटी सेप्टिक है इसे हम जानते सभी,

      ऐंटी एलर्जिक भी है एलर्जी भनाइये।

      हर रोग में अमृत है बस गेहूं जवारों का,

      कैंसर जैसे रोग की करता है रोकथाम,

      हर तरह के रोग में लें इसको बिन शंका,

      रोग प्रतिबंधक शक्तियों का स्रोत है ये आम।

      लेखिका
      श्रीमती प्रभा पांडेय जी
      ” पुरनम “

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