जड़ी-बूटियों की खेती
करनी है आरंभ हमें अब जड़ी-बूटियों की खेती,
रोग से सदा बचाकर बूटी नवजीवन सबको देती।
ब्राह्मी और शंखपुष्पी से रहे दिमाग तरोताजा,
जिन्हें है बीमारी भूलने की उनके लिए बहुत साजा,
जीवन की रक्षा करती ये ज्यूं मुर्गी अंडा सेती,
करनी है आरंभ हमें अब जड़ी बूटियों की खेती।
हर्र- बहेरा और आंवला मिला बनायें हम त्रिफला,
किसी न किसी रूप में है ये हर प्राणी के लिए भला,
अमृत तुल्य बूटियां हमको सुख देती दुख हर लेतीं,
करनी है आरंभ हमें अब जड़ी बूटियों की खेती।
सदियों की धरोहर जड़ियां इन्हें नहीं चुकने देंगे,
स्वास्थ्य विकास की क्रमिक प्रक्रिया को हम ना रुकने देंगे,
संजीवनी हैं आयुर्वेद की, विलुप्त मंजूषा की नेती,
करनी है आरंभ हमें अब जड़ी बूटियों की खेती।
शक्ति देती, ताकत देती, शिलाजीत बहुउपयोगी,
मिश्री दूध मिलाकर इसको पियें गृहस्थ, पियें योगी,
विधिपूर्वक उपयोग करें ताकत दे ऐड़ी से चोटी,
करनी है आरंभ हमें अब जड़ी बूटियों की खेती,
रोग से हमें बचाकर बूटी नवजीवन सबको देती।
लेखिका
श्रीमती प्रभा पांडेय जी
” पुरनम “
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