जलचर
जल में जलचर के सब काम निराले हैं,
सब जलचर जल निर्मल करने वाले हैं ।
जल का कूड़ा, कर्कट ये सब हैं खाते,
काई और फफूंद भी इनको हैं भाते,
जल में इनके करतब देखे भाले हैं,
सब जलचर जल निर्मल करने वाले हैं ।
हर छोटा हर बड़े का भोजन बन जाता,
जो जिसको खा सकता उसको है खाता,
सीप व मोती जलचर बाहर डाले हैं,
सब जलचर जल निर्मल करने वाले हैं ।
पानी मे मेंढक टर्र-टर्र टर्राता है,
मछली को पर चुप रहना ही भाता है,
कई लोग घर में भी मछली पाले हैं,
सब जलचर जल निर्मल करने वाले हैं ।
दरयाई घोड़ा जलचर है बहुत बड़ा,
बड़ी-बड़ी नावें पलटा सकता तगड़ा,
लेखों जीव जन्तु जल के मतवाले हैं,
सब जलचर जल निर्मल करने वाले हैं ।
लेखिका
श्रीमती प्रभा पांडेय जी
” पुरनम “
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