More
    41.7 C
    Delhi
    Thursday, May 16, 2024
    More

      || घास का फूल ||

      घास का फूल

      हवा में लहराता फहराता खेत-खेत पर कांस का फूल,
      हरियाली के बीच चन्द्रमा चमके जैसे घास का फूल।

      शरद ऋतु आने का जैसे परचम ये फहराता है,
      दीवाली की आमद में खिलता ये जैसे आस का फूल।

      गुलशन गुलशन महक उठे हैं बेला और चमेली से,
      गेंदा की भीनी खुशबू से महक उठा ऐहसास का फूल।

      फिसल फिसल जाती है नजरें आगे से आगे बढ़कर,
      मदमाता संगीत सुनाता जाते हुए चौमास का फूल।

      पके हुए धानों के खेतों को जैसे घेरे रहता,
      शबनम के गीलेपन में भींगा-भींगा विश्वास का फूल।

      सर्द हवाओं के आगोश का मीठा सा अंजाम लिये,
      बिरही दिल पर तीर चलाता लगता जैसे फांस का फूल।

      लेखिका
      श्रीमती प्रभा पांडेय जी
      ” पुरनम “

      READ MORE POETRY BY PRABHA JI CLICK HERE

      ALSO READ  उत्पन्ना एकादशी 2023 | जानिए पूरी जानकारी | 2YoDo विशेष

      Related Articles

      LEAVE A REPLY

      Please enter your comment!
      Please enter your name here

      Stay Connected

      18,825FansLike
      80FollowersFollow
      720SubscribersSubscribe
      - Advertisement -

      Latest Articles