हवाओं को विषैली होने से बचा लो
हवाओं को विषैली होने से बचा लो,
हरे भरे पौधों के तुम बाग लगा लो ।
हरी भरी ये वादी बन जाये ना मरुस्थल,
सोया हुआ है अब तक,जमीर जगा लो ।
जापान,नागासाकी,हिरोशिमा का मिटना,
अधिक नहीं पुराना पढ़ लो और पढा लो ।
दम घुट के मरे लाखों और हुऐ कई जख्मी,
भोपाल गैस कांड की यादों को बुला लो ।
वो तेल कुएँ अब तक जो जल रहे अरब में,
आग ऐसी लगने से पहले बुझा लो ।
दिमाग की नसें सबकी जा रही सिकुड़ती,
संकीर्ण सोच वालो कुछ तो बढ़ा लो ।
लेखिका
श्रीमती प्रभा पांडेय जी
” पुरनम “
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