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    Friday, April 26, 2024
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      || हवाओं को विषैली होने से बचा लो ||

      हवाओं को विषैली होने से बचा लो

      हवाओं को विषैली होने से बचा लो,
      हरे भरे पौधों के तुम बाग लगा लो ।
      हरी भरी ये वादी बन जाये ना मरुस्थल,
      सोया हुआ है अब तक,जमीर जगा लो ।

      जापान,नागासाकी,हिरोशिमा का मिटना,
      अधिक नहीं पुराना पढ़ लो और पढा लो ।

      दम घुट के मरे लाखों और हुऐ कई जख्मी,
      भोपाल गैस कांड की यादों को बुला लो ।

      वो तेल कुएँ अब तक जो जल रहे अरब में,
      आग ऐसी लगने से पहले बुझा लो ।
      दिमाग की नसें सबकी जा रही सिकुड़ती,
      संकीर्ण सोच वालो कुछ तो बढ़ा लो ।

      लेखिका
      श्रीमती प्रभा पांडेय जी
      ” पुरनम “

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