कर देते हैं विषाक्त
कर देते हैं विषाक्त जब कीटाणुनाशक डाल के,
किन्तु मिटता नहीं जहर खाओ भले उबाल के ।
फल,फूल सब्जियों में पौष्टिकता बच नहीं पाती,
उपयोग करें हम भले ही लाख छील-छाल के ।
खाते थे पहले मूली गाजर सब कतर कतर कर,
कहते हैं आज सब कुछ खाओ किन्तु देख भाल के ।
हरी भाजियों में भी तो मिलता है जहर बहुत,
हम चार बार भले पानी से रख लें निकाल के ।
कितना जहर पचा सकता है ये शरीर अपना,
दे सकता है कौन उत्तर भला ऐसे सवाल के ।
बीमारियों से बचने के लिए खाते हैं हरी सब्जी,
रखते हैं हम बीमारी ज्यों इनमें भी पाल के ।
लेखिका
श्रीमती प्रभा पांडेय जी
” पुरनम “
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