सच और झूठ
बोल सदा सच ही कहो, सच मे सत्य विचार ।
झूठ बोलना पाप है, जान रहा संसार ।।
सच के आगे जीत है, झूठ हार की राह ।
सच मे बढती शान है, झूठ करें गुमराह ।।
झूठे को सच मे बदल, जो बोले इंसान ।
उनके जीवन मे दिखे, सदा सुनो नुकसान ।।
झूठे को झूठा कहो, सच को सच ही यार ।
ऐसे जन का जगत मे, सदा होय उद्धार ।।
अन्तर सच और झूठ में, समझ जिन्हें आ जाय ।
उनका मानव जन्म ये, सदा सफल दिखलाय ।।
लेखक
राकेश तिवारी
“राही”
READ MORE POETRY BY RAHI JI CLICK HERE